गिरफ्तार दिशा रवि के समर्थन में 78 सामाजिक कार्यकर्ताओं की तरफ से बयान जारी किया गया है और उसे जल्द से रिहा करने की मांग की गई है. रिहाई की मांग को लेकर हस्ताक्षर करने वाले 78 सामाजिक कार्यकर्ताओं में से एक एसी माइकल ने एनडीटीवी से बातचीत की. उन्होंने कहा, ''दिशा रवि कोई टेररिस्ट नहीं है वह एक पढ़ी-लिखी पर्यावरणविद् है. अगर किसी नागरिक ने गलत किया है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो लेकिन गैर कानूनी तरीके से एक युवा लड़की को जेल भेजना गलत है.''
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सामाजिक कार्यकर्ता एसी माइकल ने कहा, ''सरकार युवाओं को डराने की कोशिश कर रही है. इसके जरिए यूनिवर्सिटीज को यह मैसेज दिया जा रहा है कि स्टूडेंट सरकार के खिलाफ कुछ नहीं बोल सकते. यह गलत तरीका है. गिरफ्तार दिशा रवि को कोर्ट में अपने आपको डिफेंड करने के लिए कानूनन वकील रखने का अधिकार मिलना चाहिए. कानून के विशेषज्ञों और वकीलों की मदद से सुप्रीम कोर्ट जाना हमारे सामने एक विकल्प है.''
बताते चले कि सामाजिक कार्यकर्ताओं और पर्यावरणविदों ने ''टूलकिट'' दस्तावेज मामले में गिरफ्तार जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को तत्काल रिहा करने की मांग की है. सामाजिक कार्यकर्ताओं और पर्यावरणविदों ने मामले में अन्य व्यक्तियों के खिलाफ आरोप हटाने की भी मांग की. पुलिस ने बताया है कि रवि (22) को केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध- प्रदर्शन से संबंधित टूलकिट को जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग के साथ कथित तौर पर साझा करने के लिए शनिवार को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया था.
दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि रवि ‘टूलकिट गूगल दस्तावेज' की एडिटर होने के साथ ही दस्तावेज तैयार करने और उसके प्रसार की ‘‘प्रमुख साजिशकर्ता'' थी. अधिवक्ता निकिता जैकब और सामाजिक कार्यकर्ता शांतनु के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किए गए हैं. इनके खिलाफ यह गैर जमानती वारंट दस्तावेज तैयार करने में उनकी कथित संलिप्तता और ‘खालिस्तान समर्थक तत्वों'' के सीधे संपर्क में रहने के आरोप में जारी किये गए हैं. कई सामाजिक कार्यकर्ता और पर्यावरणविद रवि, जैकब और शांतनु के समर्थन में सामने आए हैं. (इनपुट भाषा से भी...)