आज राज्यसभा में कार्यवाही शुरू होने के बाद 51 सांसदों ने नियम 267 के तहत मणिपुर पर चर्चा की मांग की थी. जब चेयरमैन ने इसकी अनुमति नहीं दी तो टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने इसका विरोध किया. इसके बाद नेता सदन पीयूष गोयल ने एक प्रस्ताव पेश किया कि ये बार-बार सदन की कार्यवाही को बाधित कर रहे हैं, इन्हें मॉनसून सत्र की बची हुई अवधि के लिए निलंबित किया जाना चाहिए. इसके बाद राज्यसभा के चेयरमैन 11.25 पर ने निर्देश दिया कि डेरेक सदन से बाहर चले जाएं और उन्हें सदन से निलंबित करने का ऐलान किया.
जब 12 बजे कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो प्रमोद तिवारी ने राज्यसभा के चेयरमैन से कहा कि सदन से निलंबन एक एक्स्ट्रीम स्टेप होता है और आप उदारता दिखाएं. इसके बाद 12.05 पर चेयरमैन ने जवाब दिया कि मैंने डेरेक ओ ब्रायन के निलंबन का आदेश तो दिया लेकिन उसके लिए जरूरी प्रस्ताव पर सदन का मत नहीं लिया, जो किसी भी निलंबन की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए जरूरी है. चेयरमैन ने कहा कि मैंने जानबूझकर ऐसा किया था. अगर मैंने सदन का मत लिया होता तो वह दोबारा कैसे सदन में दिखाई देते.
ये मामला ऐसे दिन हुआ है जब संसद में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आने वाला है. आज लोकसभा में प्रस्ताव पर बहस होगी. इसके बाद बुधवार या गुरुवार को अविश्वास मत होने की उम्मीद है.
कल यानी ने सोमवार को राज्यसभा के चेयरमैन जगदीप धनखड़ और टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन के बीच तीखी बहस देखने को मिली थी. इस दौरान राज्यसभा के चेयरमैन जगदीप धनखड़ ने टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन पर पब्लिसिटी के लिए सदन में नाटकबाजी करने का आरोप लगाया था.
इस दौरान जब तृणमूल कांग्रेस के सांसद ने अपने भाषण को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 तक सीमित रखने से इनकार किया तो जगदीप धनखड़ का गुस्सा फूटा. इसके बाद चेयरमैन ने ओ ब्रायन से कहा, "यह आपकी आदत बन गई है. आप एक रणनीति के तहत ऐसा कर रहे हैं. आपको लगता है कि आप बाहर पब्लिसिटी का आनंद लेंगे. आपने इस सदन को बर्बाद कर दिया है."