''TMC कर रही डैमेज कंट्रोल'' : संदेशखाली मामले को लेकर आरोपों पर BJP का पलटवार

Sandeshkhali Case: बीजेपी ने कहा कि, टीएमसी डैमेज कंट्रोल करने में भी काफी देरी कर चुकी है. तृणमूल को यह समझना होगा कि समय निकल चुका है. तृणमूल अब जवाब क्यों दे रही है?

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संदेशखाली मामले को लेकर तृणमूल कांग्रेस के आरोप बीजेपी ने खारिज कर दिए हैं.
नई दिल्ली:

Sandeshkhali Case: तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने गुरुवार को बीजेपी (BJP) पर संदेशखाली की घटनाओं के बारे में झूठ फैलाने का आरोप लगाया. तृणमूल के आरोपों पर बीजेपी ने पलटवार करते हुए इसे डैमेज कंट्रोल करने की कवायद बताया. बीजेपी ने कहा कि, टीएमसी डैमेज कंट्रोल करने में भी काफी देरी कर चुकी है. 

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बीजेपी की प्रवक्ता प्रियंका टिबरेवाल ने कहा कि, ''तृणमूल को यह समझना होगा कि समय निकल चुका है. उन्होंने कहा कि तृणमूल अब जवाब क्यों दे रही है? वे दो-तीन महीने तक चुप क्यों थे. उन्होंने पहले कहा था कि (संदेशखाली की) महिलाएं झूठ बोल रही थीं, अब वे कह रहे हैं कि उनसे झूठ बुलवाया गया था. जो भी नुकसान होना था वह हो चुका है.'' 

अधिकारी ने टीएमसी के दावे खारिज किए

पश्चिम बंगाल के विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने टीएमसी के दावों को खारिज कर दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि वीडियो गढ़े गए हैं. उन्होंने इस काम के लिए पैसे बांटे. बशीरहाट में रेखा पात्रा की नामांकन दाखिले की रैली के दौरान सुवेंदु अधिकारी ने कहा, "हम जल्द ही अदालत जा रहे हैं और सुनिश्चित करेंगे कि इस तरह के दुर्भावनापूर्ण झूठ फैलाने के लिए कार्रवाई की जाए."

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अधिकारी ने दावा किया कि लोग तृणमूल के धोखे के जाल को समझ सकते हैं. रेखा पात्रा को संदेशखाली क्षेत्र में डेढ़ लाख वोटों की बढ़त मिलेगी.

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टीएमसी और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप

संदेशखाली मामले को लेकर टीएमसी ने कुछ नए वीडियो सामने आने के बाद दावा किया गया कि एक स्थानीय महिला बीजेपी नेता ने कई महिलाओं से कोरे कागजों पर हस्ताक्षर कराए, जिन्हें बाद में टीएमसी नेताओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायतों का रूप दे दिया गया. एक स्थानीय महिला का आरोप है कि उससे एक सादे कागज पर जबरदस्ती हस्ताक्षर लिए गए थे. महिला के इस आरोप को लेकर पश्चिम बंगाल में टीएमसी और भाजपा के बीच राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है. 

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संदेशखाली की निवासी एक महिला ने मीडिया से कहा कि, ''जिस दिन राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम ने यहां का दौरा किया था, उसी दौरान पियाली नाम की एक महिला ने हमें अपनी शिकायतें साझा करने के लिए बुलाया. मैंने पियाली को बताया कि मुझे 100 दिनों की नौकरी योजना के तहत पैसे नहीं मिले हैं. मुझे केवल वह पैसा चाहिए था और कोई अन्य शिकायत नहीं थी. कोई बलात्कार नहीं हुआ. पियाली ने हमसे एक खाली कागज पर हस्ताक्षर करवाए. इसके बाद में पता चला कि मेरा नाम उन महिलाओं की सूची में शामिल है जिन्होंने टीएमसी नेताओं पर बलात्कार का आरोप लगाया है.'' 

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टीएमसी ने गुरुवार को संदेशखाली की कथित महिला निवासियों के वीडियो का एक नया सेट शेयर किया. इसमें महिलाओं ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने "बलात्कार के झूठे मामले" दर्ज कराने के लिए उनके साथ "धोखाधड़ी" की थी.

''संदेशखाली के लोगों को भ्रमित करने की कोशिश''

बशीरहाट लोकसभा क्षेत्र से सीपीआई (एम) के उम्मीदवार निरापद सरदार ने दावा किया कि टीएमसी और बीजेपी दोनों अपनी बात साबित करने के लिए वीडियो शेयर करके संदेशखाली के लोगों को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मतदाता दोनों को खारिज कर देंगे और वामपंथियों को वोट देंगे.

पश्चिम बंगाल के नार्थ 24 परगना जिले में संदेशखाली क्षेत्र इस साल की शुरुआत में तब सुर्खियों में आया था जब महिलाओं के एक गुट ने स्थानीय टीएमसी नेता शाजहां शेख और उनके सहयोगियों पर यौन उत्पीड़न करने और जमीन हड़पने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया था. बाद में शेख और उसके सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया गया था.

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