पूर्व भाजपा सांसद बाबुल सुप्रियो ने शुक्रवार को दावा किया कि उन्होंने अपना त्यागपत्र सौंपने के लिए लोकसभा अध्यक्ष से समय मांगा था लेकिन उन्हें ओम बिरला के कार्यालय से अब तक कोई जवाब नहीं मिला है. अपने ट्वीट में आसनसोल के सांसद ने दावा किया कि उन्होंने भाजपा से संबंध तोड़ने की पुष्टि कर दी है और अब वह इंतजार कर रहे हैं कि लोकसभा अध्यक्ष उन्हें वक्त दें. उन्होंने लिखा, ‘‘भाजपा फोर इंडिया से नाता तोड़ चुका हूं और काफी पहले मैंने इसकी पुष्टि भी कर दी थी, मैं उन लोगों की तरह नहीं हूं जो पार्टी बदलने के बाद भी अपनी सांसद सीट पर जमे रहते हैं, मैं ऐसा नहीं करने जा रहा हूं और जितना जल्दी माननीय लोकसभा अध्यक्ष मुझे समय देंगे, मैं इस्तीफा दे दूंगा. अपना बंगला खाली करने का प्रमाणपत्र भी संलग्न कर रहा हूं.''
हाल में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए सांसद ने कहा कि उनके साथी लोकसभा सदस्य और वरिष्ठ नेता सौगत राय ने भी अध्यक्ष से इस विषय पर जवाब देने का अनुरोध किया है. सुप्रियो ने 20 सितंबर की अपनी चिट्ठी भी ट्वीट की जिसे उन्होंने समय की मांग करते हुए बिरला को लिखा था. दरअसल, ऐसी खबर आयी थी कि इस्तीफे की घोषणा के बाद समय की मांग के लिए उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष के कार्यालय से संपर्क ही नहीं किया. सुप्रियो ने कहा, ‘‘मैंने व्यक्तिगत रूप से उनके ओएसडी से बात की क्योंकि मुझे कोलकाता निकलना था. यह दुख की बात है कि इस बारे में अनावश्यक विवाद खड़ा किया जा रहा है.''
सूत्रों ने बताया कि लोकसभा सचिवालय का कहना है कि सुप्रियो ने पत्र में इस्तीफा देने के लिए समय देने की मांग नहीं की है. उधर, सुप्रियो द्वारा ट्वीट किये गये पत्र में भी यह नहीं कहा गया कि वह अपने इस्तीफे के बारे में लोकसभा अध्यक्ष से मिलना चाहते हैं. लोकसभा सचिवालय के सूत्रों ने कहा कि अध्यक्ष तो बिना समय दिये भी सांसदों से मिलते रहते हैं और उनके कार्यालय के द्वार सांसदों के लिए हमेशा खुले रहते हैं.