300 साल मे पहली बार राम मंदिर में होगा तिलकोत्सव, मां सीता के यहां से उपहार लेकर आएंगे तिलकहरू

6 दिसंबर को सजधज कर श्रीराम पालकी पर सवार होकर जनकपुर स्थित रंगभूमि मैदान पहुंचेंगे. ऐसी मान्यता है कि सीता का स्वयंवर इसी स्थान पर हुआ था. यहां पहुंचने के पश्चात राजाराम की आरती उतारी जाएगी और ससुराल वाले अपने दामाद को फूलों की वर्षा कर स्वागत करेंगे.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
श्रीराम की बारात में 500 बाराती जाएंगे जनकपुर धाम नेपाल
नई दिल्ली:

अयोध्या में बने श्रीराम मंदिर संग एक नया अध्याय 18 नवंबर को जुड़ने जा रहा है. जहां माता सीता के मायके नेपाल स्थित जनकपुरधाम से पहली बार 500 से अधिक जनकपुरवासी तिलक चढ़ाने दामाद के यहां अयोध्या पहुंचेंगे. इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं. नेपाल के जनकपुर धाम निवासी और विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष संतोष शाह ने बताया कि 20 साल बाद 16 नवंबर की सुबह 8 बजे जनकपुर धाम से लगभग 500 की संख्या में तिलकहरू अयोध्या के लिए प्रस्थान करेंगे.

6 बस, लगभग 50 चार पहिया वाहन, एक ट्रक और एक रथ पर म्यूजिक सिस्टम लगाए और गेरुआ परिधान पहने ससुराल के लोग दामाद श्रीराम का तिलक लेकर 17 नवंबर को भारत में प्रवेश करेंगे. 18 नवंबर की दोपहर 2 बजे राम मंदिर के प्रांगण में तिलकोत्सव का आयोजन होगा. नेपाल के मधेश प्रदेश के मुख्यमंत्री सतीश कुमार सिंह, जनकपुर के मेयर मनोज शाह और राम जानकी मंदिर के महंत राम रोशन दास दामाद श्रीराम का तिलक चढ़ाएंगे. 

6 दिसंबर को होगा राम-सीता विवाह 

6 दिसंबर को सजधज कर श्रीराम पालकी पर सवार होकर जनकपुर स्थित रंगभूमि मैदान पहुंचेंगे. ऐसी मान्यता है कि सीता का स्वयंवर इसी स्थान पर हुआ था. यहां पहुंचने के पश्चात राजाराम की आरती उतारी जाएगी और ससुराल वाले अपने दामाद को फूलों की वर्षा कर स्वागत करेंगे. इसके पश्चात पालकी को नगर परिक्रमा करा के राम जानकी मंदिर पहुंचाया जाएगा, जहां धूमधाम और रीति रिवाज के साथ राम और सीता का विवाह संपन्न होगा. नगर परिक्रमा के दौरान लाखों लोगों की भीड़ साथ चलेगी.

Advertisement

तिलक में सोने की चेन, चांदी की मटर माला

जनकपुरवासी बेटी सीता के तिलक में किसी प्रकार की कमी नहीं छोड़ना चाहते हैं. इसके लिए तिलक सामग्री में बेटी के यहां से भार स्वरूप राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के लिए सर्दी और गर्मी के कपड़े, पीतल और फूल के बर्तन, 11 प्रकार के सीजनल फल, मेवा और नेपाल की प्रमुख मिठाइयां चढ़ाएंगे. दामाद श्रीराम के लिए सोने की चेन, चांदी की मटर माला, चांदी की सुपारी और पान का पत्ता चढ़ाएंगे. दामाद को उपहार में नेपाल की कुछ करेंसी भी तिलक में चढ़ाई जाएगी. 19 नवंबर को सुबह नाश्ता के पश्चात तिलकहरू जनकपुर के लिए प्रस्थान करेंगे.

Advertisement

26 को निकलेगी श्रीराम की बारात 

26 नवंबर को अयोध्या से पहली बार 500 से अधिक की संख्या में बराती राजा राम के ससुराल के लिए प्रस्थान करेंगे. अयोध्या, आजमगढ़, बिहार के बक्सर, पटना, मुजफ्फरपुर के कांटी, सीतामढ़ी, बेनीपट्टी, मधवापुर होते हुए 2 दिसंबर को मटियानी नेपाल के बॉर्डर में प्रवेश करेंगे. यहां से 3 दिसंबर को जनकपुरधाम बरात पहुंचेगी. 4, 5, 6 और 7 तक नेपाल में रहने के पश्चात बराती 8 दिसंबर की सुबह जनकपुरधाम से अयोध्या के लिए प्रस्थान करेंगे.

Advertisement

तिलक का प्रस्तावित मार्ग 

हुलाकी मार्ग जो की नेपाल के जनकपुरधाम से जलेश्वर, मलंगवा, धनकौला, गढ़ी माई में रात्रि विश्राम, 17 की सुबह नाश्ता के बाद बीरगंज, रक्सौल बॉर्डर से भारत में प्रवेश करेंगे. फिर सुगौली, हरेराज, गोपालगंज में दोपहर का भोजन कर गोरखपुर होते हुए देर रात अयोध्या पहुंचेंगे.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Meerut Murder Case: पति की हत्या करने के केस अचानक क्यों बढ़ रहे? | Saurabh Rajput | NDTV India
Topics mentioned in this article