दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दो अलग-अलग ऑपेरशंस में एक पेशेवर डीजे और एक पहलवान सहित तीन अंतरराज्यीय अवैध हथियार तस्करों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से 27 पिस्टल बरामद हुई हैं. पहले ऑपरेशन में दमोह के रहने वाले आरोपी व पेशेवर डीजे योगेश पटेल उर्फ नीलेश को गिरफ्तार किया गया, जबकि दूसरे ऑपरेशन में दो आरोपियों पंकज कुमार भारद्वाज और जितेंद्र को गिरफ्तार किया है. पंकज अलीगढ़ का रहने वाला है, जबकि जितेंद्र मथुरा का रहने वाला है. इनके पास कुल 27 अवैध हथियार, एक स्विफ्ट डिजायर कार, मोबाइल फोन और अवैध हथियारों की आपूर्ति में इस्तेमाल किए जा रहे सिम बरामद किए गए हैं.
पुलिस के मुताबिक 3 दिसंबर को सूचना मिली थी कि मध्य प्रदेश निवासी हथियार तस्कर नीलेश दिल्ली-एनसीआर के किसी अपराधी को अवैध हथियार पहुंचाने के लिए दिल्ली के सराय काले खां इलाके में आएगा. पुलिस के मुताबिक उसे जाल बिछाकर घेर लिया गया और .32 बोर की 12 पिस्टल से भरे बैग के साथ उसे पकड़ लिया. पूछताछ करने पर उसने असली नाम योगेश पटेल बताया. वह एक पेशेवर डीजे है जो आसानी से पैसा कमाने के लिए इस धंधे में आ गया.
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वहीं 6 दिसम्बर को सूचना के बाद रोहिणी इलाके में एक स्विफ्ट डिजायर कार को रोका गया, कार में बैठे लोगों की पहचान पंकज कुमार और जितेंद्र के रूप में हुई और कुल मिलाकर इनके पास से 15 पिस्टल बरामद हुई हैं. योगेश पटेल उर्फ नीलेश ने खुलासा किया है कि उसने 12वीं तक पढ़ाई की है. वह संगीत के शौकीन हैं, 2017-18 के दौरान उसने शादियों और दूसरे मौकों पर अपना पेशेवर डिस्क जॉकी (डीजे) का काम शुरू किया. 2019 के दौरान ऐसे ही एक शादी समारोह में वह दमोह के एक हथियार तस्कर के संपर्क में आया, जिसने उसे हथियारों की तस्करी के काम में अच्छे पैसे का लालच दिया. चूंकि उनके पास स्थायी काम नहीं था और डीजे के रूप में काम करने से पर्याप्त आय नहीं हो रही थी, लालच से उसने अवैध हथियारों की तस्करी शुरू कर दी.
3 दिसम्बर को वह दिल्ली और एनसीआर के अपराधियों को जब्त हथियार पहुंचाने के लिए दिल्ली आया था. इससे पहले भी, सितंबर 2021 में, वह दिल्ली आया था और दिल्ली और गुड़गांव में हथियार सप्लाई कर चुका है. आरोपी योगेश पटेल उर्फ नीलेश ने आगे खुलासा किया है कि वह पिस्टल 8-10 हजार रुपये प्रति पीस में खरीदता है और आगे इसे 25,000/- से 30,000/- रुपये प्रति पीस में बेचता है, जिससे 15-20 हजार रुपये प्रति पीस की कमाई होती है.
आरोपी पंकज कुमार भारद्वाज ने कई कुश्ती टूर्नामेंटों में भाग लिया है, लेकिन कोविड-19 के कारण कुश्ती टूर्नामेंट रद्द कर दिए गए हैं. फिर वह पवन नाम के एक व्यक्ति के संपर्क में आया, जिसकी मदद से वह आसानी से पैसे के लिए अवैध हथियारों की सप्लाई के कारोबार में शामिल हो गया. इसके बाद पंकज ने भी दिल्ली, मथुरा और अलीगढ़ इलाकों में कई बार अवैध हथियारों की सप्लाई शुरू कर दी. इस बार अवैध हथियारों के एक बड़े ऑर्डर के चलते उसने ड्राइवर का काम करने वाले जितेंद्र उर्फ जीतू को अपने साथ शामिल होने के लिए राजी कर लिया था. जितेंद्र उर्फ जीतू एक स्विफ्ट डिजायर कार लेकर आया और दोनों अवैध हथियारों की सप्लाई लेने खरगोन गए.
आरोपी जितेंद्र ने बीए तक की पढ़ाई की है. उसकी हाल ही में शादी हुई है. लॉकडाउन के कारण उसे कोई काम नहीं मिल रहा था. वह भूतेश्वर अखाड़े में एक पहलवान के लिए ड्राइवर के रूप में काम करता था जहां उसकी मुलाकात पंकज से हुई थी. पंकज ने उसे अवैध हथियारों की सप्लाई लिए अपने साथ जाने के लिए कहा था. काम पूरा होने पर उसे कार किराए के अलावा 20,000 रुपये मिलने वाले थे. इस नेटवर्क के सभी फॉरवर्ड और बैकवर्ड लिंक की पहचान करने के लिए आगे जांच जारी है.
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