लद्दाख हिंसा को लेकर तीन संगठनों ने केंद्र सरकार को घेरा, सोनम वांगचुक को रिहा करने की मांग की

तीनों संगठनों की तरफ से कहा गया कि नेपाल में जो हुआ वो पूरी तरह से दूसरी बात है, लद्दाख का उससे कोई संबंध नहीं है. सीने और सिर पर गोली किसने मारी? इसकी जांच होनी चाहिए.

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  • सोशलिस्ट पार्टी इंडिया, हम भारत के लोग और NAPM ने लद्दाख हिंसा में सोनम वांगचुक की रिहाई की मांग की है.
  • तीनों संगठनों ने कहा कि सोनम का अनशन शांतिपूर्ण था और हिंसा के लिए किसी ने गोली चलाने का आदेश नहीं दिया था.
  • केंद्र सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि सोनम से क्या खतरा था, जब सांसद उनसे मिलने गए तो अनुमति नहीं दी गई.
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Socialist Party (India), हम भारत के लोग और NAPM संगठनों ने लद्दाख हिंसा में सोनम वांगचुक को रिहा करने की मांग की है. तीनों संगठनों के लोग मिलकर लद्दाख गए थे. वहां से लौटने के बाद उन्होंने कहा कि 24 तारीख को जो हुआ, वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. जो अनशन सोनम वांगचुक ने किया था, वह पूरी तरह से शांतिपूर्ण था, लेकिन उस बीच जो हिंसा हुई, वह चौंकाने वाला कदम था, क्योंकि किसी ने गोली चलाने का ऑर्डर नहीं दिया था. 

तीनों संगठनों ने केंद्र सरकार से सवाल पूछा कि सोनम से सरकार को क्या खतरा है कि उसे राजस्थान भेजना पड़ा? जब सोनम से मिलने सांसद गए तो उन्हें मिलने नहीं दिया. सोनम कोई अमृतपाल नहीं है कि उन्हें लद्दाख से राजस्थान ले जाया गया. सिक्किम से बड़ी आबादी लद्दाख है, लेकिन सिर्फ़ एक सीट है. लद्दाख में दो सीट होनी चाहिए. हमारी मांग है कि सोनम को तुरंत रिहा किया जाए और जो 45 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उन्हें भी तुरंत रिहा किया जाए. 

NSA नहीं लगाना चाहिए

इन संगठनों की तरफ से कहा गया कि अपनी मांगों को लेकर कोई बात करता है तो उसपर NSA नहीं लगाना चाहिए. लेह के लोग शांति से अपनी बात रख रहे हैं.  ख़ुद बीजेपी ने कहा था कि लद्दाख को 6th शेड्यूल में शामिल करेंगे तो क्यों पूरा नहीं किया? जब उनके वादे को पूरा करने की मांग लोग कर रहे हैं तो सरकार उन्हें जेल में क्यों डाल रही है? अगर वहां का युवा नौकरी की मांग कर रहा है तो आप उसे जेल में डाल रहे हैं.

तीनों संगठनों की तरफ से कहा गया कि नेपाल में जो हुआ वो पूरी तरह से दूसरी बात है, लद्दाख का उससे कोई संबंध नहीं है. सीने और सिर पर गोली किसने मारी? इसकी जांच होनी चाहिए. 5 अगस्त 2019 को जब सरकार ने 370 को खत्म किया गया तब लद्दाख ने इसका स्वागत किया था. इस देश में यह पहली बार हुआ कि किसी राज्य को UT बनाया गया.  लद्दाख को UT बनाया गया, लेकिन इसकी कोई आवाज नहीं आई. यहां कोई असेंबली नहीं है, LG को सारा अधिकार है. लद्दाख में बरोजगारी 21% बढ़ गई है. 

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