यूट्यूबर एल्विश यादव काफी मुश्किलों में हैं. अकसर विवादों में रहने वाले एल्विश यादव अपने ही कारणों से नोएडा पुलिस के हत्थे चढ़ गए और उन्हें गिरफ्तार होना पड़ा. नोएडा में सांपों के जहर निकालकर रेव पार्टी करना एल्विश यादव को काफी महंगा पड़ा. नोएडा पुलिस ने एल्विश यादव की गलतियों को ही अदालत के सामने रख दिया है. ऐसे में अदालत से भी राहत मिलने की गुंजाइश अब कम हो गई है. आइए जानते हैं एल्विश यादव की वो गलतियां, जो बनीं उसकी गिरफ्तारी की वजह...
यह बने गवाह
नोएडा पुलिस ने रेव पार्टी के नाम पर लाए गए जिन सांपों को बरामद किया वो सांप और बरामद किया गया 20 ML जहर ही एल्विश यादव के लिए सबसे बड़ी गवाही बना. नोएडा पुलिस ने अपनी चार्जशीट में बताया है कि रेड के दौरान जो सांप और जहर मौके से बरामद किया गया था, वो जहर उन्हीं सांपों से निकाला गया था, जिनको पुलिस ने बरामद किया था. इसको साबित करने के लिए पुलिस ने जयपुर की फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट को आधार बनाया है.
एल्विश यादव से पूछे गए थे 124 सवाल
नोएडा पुलिस ने जब एल्विश यादव को पूछताछ के लिए बुलाया था, उससे पहले 124 सवालों की एक फेहरिस्त तैयार की थी. पुलिस ने एल्विश से 124 सवाल किए, जिसमे से ज्यादातर सवालों के जवाब एल्विश ने गलत दिए थे. एल्विश ने बताया कि वो बाकी आरोपियों को नहीं जानता. उसने किसी रेव पार्टी में शामिल होने से इन्कार किया ,जबकि उसकी लोकेशन,कॉल डिटेल और चैट अलग कहानी बता रहे थे.
खराब कंडक्ट भी बनी वजह
एल्विश गुरुग्राम में हुई कई रेव पार्टियों में शामिल हुआ था. नोएडा पुलिस की मानें तो ज्यादातर रेव पार्टियां गुरुग्राम में होती थीं. एल्विश का खराब कंडक्ट गिरफ्तारी की बड़ी वजह बना. नोएडा पुलिस की मानें तो उन्होंने एल्विश यादव के खराब व्यवहार को भी उसकी गिरफ्तारी की एक बड़ी वजह चार्जशीट में बताया है. पुलिस ने उसके खराब कंडक्ट को साबित करने के लिए उसके कई सारे वीडियो को चार्जशीट का हिस्सा बनाया है. इसके जरिए पुलिस ने कोर्ट को बताया कि एक फेमस व्यक्ति होने के नाते एल्विश यादव की समाज के प्रति कुछ नैतिक जिम्मेदारी बनती है, जिसको निभाने में एल्विश यादव पूरी तरह नाकामयाब रहा है.
1200 पन्नों की चार्जशीट
एल्विश यादव समेत 8 आरोपियों के खिलाफ नोएडा पुलिस ने 1200 पन्नों की चार्जशीट सूरजपुर कोर्ट में दाखिल की थी, जिसपर आज कोर्ट ने संज्ञान ले लिया है. इसके साथ ही नोएडा पुलिस ने एल्विश यादव और उसके दोस्त ईश्वर और विनय के मोबाइल फोन फोरेंसिक जांच के लिए गाज़ियाबाद की लैब में भेजे हैं.