"ये वास्तविकता है": दुनिया में छा रही आर्थिक मंदी पर क्या बोले केंद्रीय मंत्री नारायण राणे?

नारायण राणे ने आर्थिक मंदी की स्थिति का सामना करने के लिए भारत की तैयारियों के बारे में पूछने पर कहा, ''चूंकि हम मंत्रिमंडल में हैं, हमें जानकारी मिलती है (आर्थिक मंदी के बारे में) या प्रधानमंत्री मोदीजी हमें इस बारे में सुझाव देते हैं."

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मुंबई:

केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्री नारायण राणे (Narayan Rane ) ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि वैश्विक आर्थिक मंदी (Global Economic Slowdown) से नागरिक प्रभावित न हों. राणे महाराष्ट्र के पुणे शहर में जी-20 के पहले अवसंरचना कार्य समूह (आईडब्ल्यूजी) की बैठक का उद्घाटन करने के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे.

नारायण राणे ने आर्थिक मंदी की स्थिति का सामना करने के लिए भारत की तैयारियों के बारे में पूछने पर कहा, ''चूंकि मैं कैबिनेट में हूं और पीएम मोदी से हमें जो भी जानकारी मिलती है और जो सलाह मिलती है, हम कह सकते हैं कि वर्तमान में बड़े विकसित देश आर्थिक मंदी का सामना कर रहे हैं. और ये वास्तविकता है." उन्होंने कहा, "यह सुनिश्चित करने के लिए कि वैश्विक आर्थिक मंदी से भारत प्रभावित न हो, भारत सरकार और मोदीजी प्रयास कर रहे हैं. वे यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि भारत और उसके नागरिक आर्थिक मंदी से प्रभावित न हों."

राणे ने यह भी कहा कि रोजगार पैदा करने वाले उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि दीर्घकालिक और सतत आर्थिक वृद्धि के लिए जी20 बैठक महत्वपूर्ण है. भारत एक दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक जी-20 की अध्यक्षता करेगा. 

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जी-20 की आईडब्ल्यूजी बैठक के माध्यम से आने वाले बुनियादी ढांचे के लिए क्षमता निर्माण के लिए निवेश की संभावना के बारे में पूछे जाने पर नारायण राणे ने कहा कि विचार-विमर्श इस बात पर होगा कि भविष्य के शहर कैसे हों. सरकारें विभिन्न उपायों के कार्यान्वयन के लिए फंड कैसे प्रदान कर सकती हैं.

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क्या महाराष्ट्र में व्यावसायिक नीतियां बदल जाएंगी, जहां जून 2022 में एक नई सरकार ने सत्ता संभाली. इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ऐसी कोई संभावना नहीं है.

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बता दें कि भारत 1 दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक जी-20 की अध्यक्षता करेगा. जी-20 के इंफ्रास्ट्रक्चर वर्किंग ग्रुप की बैठक में भारत की अगुवाई में इंफ्रास्ट्रक्चर एजेंडा 2023 पर विचार-विमर्श किया जाएगा. इसमें आईडब्ल्यूजी सदस्य देश और भारत द्वारा आमंत्रित अतिथि देश व अंतरराष्ट्रीय संगठनों के 65 प्रतिनिधि भाग ले रहे है. भारत सरकार के वित्त मंत्रालय का आर्थिक कार्य विभाग ऑस्ट्रेलिया और ब्राजील की सह-अध्यक्षता में इस दो दिवसीय आईडब्ल्यूजी बैठक की मेजबानी कर रहा है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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