सेना के पूर्वी कमान के प्रमुख का कहना है कि मणिपुर समस्या का राजनीतिक समाधान किया जाना चाहिए. पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल राणा प्रताप कलिता ने कल गुवाहाटी में मीडिया को बताया कि समुदायों के बीच तीव्र ध्रुवीकरण के कारण पूर्वोत्तर राज्य में छिटपुट हिंसा की घटनाएं जारी हैं.
राजनैतिक समाधान होना जारूर
उन्होंने कहा कि मणिपुर में ये एक राजनीतिक समस्या है जहां कुकी और मैतेई समाज के लोग आपस में भिड़ रहे हैं. ऐसे में मणिपुर की समस्या का राजनैतिक समाधान होना जरूरी है. राणा प्रताप कलिता ने कहा कि लूटे गए 4,000 से अधिक हथियार अभी भी लोगों के हाथ में हैं और इन हथियारों का इस्तेमाल हिंसा की घटनाओं में किया जा रहा है.
कांगपोकपी जिले में बंद का ऐलान
बता दें कि उनकी यह टिप्पणी एक सुरक्षाकर्मी और उसके ड्राइवर की हत्या के विरोध में मणिपुर के कांगपोकपी जिले में 48 घंटे के बंद के बीच आई है. सोमवार को घात लगाकर किए गए हमले में इंडिया रिजर्व बटालियन के एक कर्मी और उसके ड्राइवर की मौत हो गई थी. इसके बाद ही बंद का आह्वान करने वाली जनजातीय एकता समिति ने कहा है कि पीड़ित कुकी समुदाय से थे और उन्होंने घाटी स्थित विद्रोही समूहों पर उनकी हत्या करने का आरोप लगाया है. बंद के दौरान बाजार बंद रहे और सड़कों से वाहन नदारद रहे. सरकारी कार्यालयों में कम कर्मचारी आए और शैक्षणिक संस्थानों में भी उपस्थिति कम रही.
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही राज्य के पुलिसकर्मियों पर घात लगाकर हमला किया गया था. इस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उग्रवादियों ने मणिपुर के पुलिस कमांडो (Manipur Police Commandos) के दस्ते पर घात लगाकर हमला किया था.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इंफाल के हाओबाम मराक इलाके में छिपे उग्रवादियों ने 31 अक्टूबर को एक सीनियर पुलिस अधिकारी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इंफाल के हाओबाम मराक इलाके के निवासी उपमंडल पुलिस अधिकारी (SPDO) चिंगथम आनंद की तब एक ‘स्नाइपर' हमले में हत्या कर दी गई थी, जब वह पुलिस और सीमा सुरक्षा बल (BSF) के संयुक्त रूप से बनाये जाने वाले एक हेलीपैड के लिए ईस्टर्न शाइन स्कूल के मैदान की सफाई की देखरेख कर रहे थे. हत्या के बाद एक कमांडो दस्ते को इलाके में मदद के लिए भेजा गया था. उग्रवादियों ने कमांडो दस्ते पर भी घात लगाकर हमला किया था.