"खतरे के सामने उनका साहस और बलिदान...", संसद हमले की 22 वीं बरसी पर बोले पीएम मोदी 

इस मौके पर राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने कहा कि 2001 में संसद पर हुए आतंकवादी हमले में अपनी जान गंवाने वाले वीर सुरक्षा कर्मियों का राष्ट्र हमेशा ऋणी रहेगा.

विज्ञापन
Read Time: 23 mins
संसद पर हुए हमले की 22वीं बरसी आज
नई दिल्ली:

संसद भवन पर हुए आतंकी हमले की यह 22वीं बरसी है. इस मौके पर पीएम मोदी ने संसद पर हुए हमले में शहीद हुए जवानों को याद किया और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि भी दी. इस मौके पर पीएम मोदी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट भी लिखा. इस पोस्ट में उन्होंने लिखा कि आज, हम 2001 में संसद हमले में शहीद हुए बहादुर सुरक्षाकर्मियों को याद कर रहे हैं और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं. खतरे के सामने उनका साहस और बलिदान हमारे देश की स्मृति में हमेशा अंकित रहेगा. 

वहीं, इस मौके पर राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू  ने कहा कि 2001 में संसद पर हुए आतंकवादी हमले में अपनी जान गंवाने वाले वीर सुरक्षा कर्मियों का राष्ट्र हमेशा ऋणी रहेगा. पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने 13 दिसंबर, 2001 को संसद परिसर पर हमला किया था, जिसमें नौ लोग शहीद हुए थे. सुरक्षा बलों ने पांचों आतंकवादियों को मार गिराया था.

Advertisement

राष्ट्रपति मुर्मू ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर लिखा कि बहादुर सुरक्षाकर्मियों ने 22 साल पहले आज ही के दिन देश के शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व को खत्म करने और हमारे लोकतंत्र के मंदिर को नुकसान पहुंचाने की आतंकवादियों की नापाक साजिश को नाकाम कर दिया था। इन बहादुर जवानों में मातृभूमि के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले नौ लोग भी शामिल थे. 

Advertisement

Advertisement

उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस मौके पर कहा कि 2001 में हमारी संसद पर हमले के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले साहसी सुरक्षाकर्मियों को याद करते हुए. भारत उनके सर्वोच्च बलिदान के लिए सदैव उनका ऋणी रहेगा. आतंकवाद दुनिया भर में मानवता के लिए खतरा बना हुआ है, और वैश्विक शांति के लिए इस बाधा को खत्म करने के लिए राष्ट्रों के लिए एकजुट होना जरूरी है.

Advertisement
Featured Video Of The Day
UP News: DJ की आवाज नहीं हुई बर्दाश्त... दलित दूल्हे की बीच सड़क पर पटककर पीटा | News Headquarter