पेन्ना रिवर कैचमेंट एरिया में पिछले दिनों हुई अभूतपूर्व बारिश के चलते आंध्र प्रदेश 140 साल की सबसे भीषण 'बाढ़' का सामना कर रहा है. पिछले कुछ दिनों में अन्माय्या इरिगेशन सिस्टम से पेन्ना नदी में 2 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. नेल्लोर में बाढ़ की स्थिति पर निगाह जमाए, स्पेशल ऑफिसर बी राजसेकर ने बताया कि नेल्लोर बैराज से रिकॉर्ड 5.49 लाख क्यूसेक पानी बह रहा है, जिसके कारण हर कहीं पानी ही पानी नजर आ रहा है. सेंट्रल वाटर कमीशन ने आंध्र के अधिकारियों को बताया कि इस तरह का बहाव 140 साल के बाद देखा गया है. पिछली बार इस तरह का बहाव वर्ष 1882 में नजर आया था. हालत यह है कि इस जल बहाव ने नेशनल हाईवे 16 को तोड़ दिया है, इस कारण कोव्वुरू के पास चेन्नई का कोलकाता से संपर्क टूट गया है. हाईवे को फिलहाल अस्थायी तौर पर हाल किया गया. 35 हजार से अधिक लोगों को नेल्लोर में बनाए गए 90 राहत शिविरों में रखा गया है.
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राहत की बात यही है कि कल से बारिश नहीं हुई है अब और अधिक बाढ़ का खतरा नहीं है. प्रशासन के अनुसार, अब उनका पूरा जोर राहत कार्य पर है. आंध्र प्रदेश में चार दिन की भारी बारिश के कारण यह नौबत आई है, यह बारिश पिछले सप्ताह शुरू हुई थी. रायलचेरुरू बांध टूटने की स्थिति में 18गांवों के 20 हजार लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती है, ऐसे में इन्हें सुरक्षित निकाला गया है. रायलचेरुरू बांध पांच शताब्दी पुराना है इसे राजाकृष्णदेव राय ने बनवाया था. सिंचाई अधिकारियों ने रेत की बोरियों कोरखने के साथ ही यहां मरम्मत का काम कराया है ताकि बांध टूटे नहीं. कडापा जिले में पापागनी नदी पर बना बांध, बाढ़ के कारण ढह गया है,यह बांध कडापा और तेदिपत्री को जोड़ता है. रविवार को इसके कारण भारी तबाही हुई और दक्षिण और पूर्व का रेल और सड़क संपर्क टूट गया.
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आंध्र प्रदेश में चेन्नई-कोलकाता राष्ट्रीय राजमार्ग-16, आंध्र प्रदेश में नेल्लोर और विजयवाड़ा के बीच यातायात के लिए कट गया है. चेन्नई ग्रैंड ट्रंक रेल मार्ग भी कट गया है, जो देश के दक्षिणी और पूर्वी और उत्तरी भागों को जोड़ने के लिए अहम रेल मार्ग है.दक्षिण मध्य रेलवे ने बताया कि नेल्लोर के पास पादुगुपाडु में रेल की पटरियों को हुए नुकसान के कारण 100 से अधिक एक्सप्रेस ट्रेनों को रद्द कर दिया गया और 29 ट्रेनों के मार्गों में बदलाव किया गया है.