देश में टीबी उन्मूलन (TB eradication) के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla)ने की बड़ी पहल की है. उन्होंने संसद भवन परिसर में सांसदों के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया. स्पीकर ने भरोसा जताया कि 2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य हासिल कर लेगा. लोकसभा अध्यक्ष बिरला की पहल पर टीबी उन्मूलन जागरूकता कार्यक्रम शुरू किया गया. स्पीकर ने इस मौके पर कहा, समय आ गया है कि उन महामारियों का अंत करें जो हर वर्ष लाखों लोगों की जान ले रही है.
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भारत की संसद देश की 130 करोड़ से अधिक जनता की प्रतिनिधि संस्था है. सांसद जनता की सेवा, उनके अभावों को दूर करने, समस्याओं का अंत करने को संकल्पित हैं. उन्होंने कहा कि देश में एकजुटता के संकल्प के साथ संदेश संसद के माध्यम से ही संभव है. विविधता भरे देश में सामूहिकता से काम करें जो निश्चित रूप से हर चुनौती से जीत सकते हैं.
स्पीकर ने कहा, कोविड के दौरान हम भारतीय की यह सामूहिक संकल्पशक्ति स्पष्ट दिखाई दी. विकसित देशों का आधुनिक चिकित्सा सिस्टम भी कोरोना महामारी की चुनौती के सामने चरमरा गया है. लेकिन हमने सामूहिकता की शाक्ति से कोरोना की चुनौती पर काफी हद तक सफलता प्राप्त की. भारत में जिस तेजी से वैक्सीनेशन (Corona Vaccination) किया जा रहा है उससे हम कोरोना पर जल्द नियंत्रण पा लेंगे. टीबी के उपचार, जागरूकता तथा रोकथाम के प्रयासों में भारत विश्व में अग्रणी भूमिका निभा रहा है.
उन्होंने कहा कि 2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य, जिसे हम सामूहिक प्रयासों से प्राप्त करेंगे. जनता के स्वस्थ को सुरक्षित रखना हम सांसदों की प्राथमिक जिम्मेदारी है. बिरला ने कहा कि कुपोषण टीबी के प्रमुख कारणों में एक है, जिसे हमें दूर करना होगा. कोरोना महामारी के रोकथाम में सांसदों को पहल करनी होगी.सरकार और प्रशासन के बीच कड़ी बनकर सांसद टीबी मुक्त लोकसभा क्षेत्र के लिए प्रतिस्पर्धा करें.सरकार संसाधन देने के साथ, तहसीलवार टीबी रोगियों की जानकारी सांसदों को देगी.
टीबी रोगियों को नियमित दवा और जांच की उपलब्धता का ध्यान हमें रखना है. स्पीकर के मुताबिक, सांसदों की सक्रिय निगरानी से ही टीबी मुक्त भारत का सपना सच होगा. सरकार विभिन्न बीमारियों तथा उनके उपचार व उन्मूलन की योजनाओं की जानकारी सांसदों को दें. इससे टीबी सहित अन्य बीमारियों की रोकथाम और जागरूकता उत्पन्न करने में सहायता मिलेगी.