राहुल गांधी की संसद सदस्यता पर लटकी तलवार, पहले लालू यादव सहित ये सांसद भी खो चुके हैं पद

‘रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपुल्स एक्ट 1951' के तहत अगर किसी सांसद या विधायक को किसी अपराध में दो साल या इससे अधिक अवधि की सजा सुनाई जाती है, तो उसकी संसद या विधानसभा की सदस्यता समाप्त हो जाती है

विज्ञापन
Read Time: 27 mins
राहुल गांधी को फिलहाल 30 दिन तक उच्च अदालत में अपील करने का वक्त मिल गया है.
नई दिल्ली:

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को गुजरात के सूरत की अदालत ने गुरुवार को मानहानि का दोषी करार देते हुए दो साल के कारावास की सजा सुनाई है. पीएम नरेंद्र मोदी के सरनेम 'मोदी' पर की गई टिप्पणी को लेकर मानहानि के मामले में राहुल गांधी को सजा सुनाई गई है. हालांकि कोर्ट से उन्हें जमानत भी दे दी है. अदालत के फैसले से राहुल गांधी की संसद की सदस्यता पर तलवार लटक गई है. फिलहाल उनको 30 दिन तक उच्च अदालत में अपील करने का वक्त मिल गया है जिससे इस दौरान उनकी संसद सदस्यता नहीं जाएगी. भारतीय संसद के इतिहास में कई सांसदों को अलग-अलग कारणों से संसद सदस्यता से हाथ धोना पड़ा है.

कानून के मुताबिक, ‘रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपुल्स एक्ट 1951' की धारा 8 (3) के तहत अगर किसी सांसद या विधायक को किसी अपराध में दोषी ठहराया जाता है और उसे दो साल या इससे अधिक अवधि की सजा सुनाई जाती है, तो उसकी संसद या विधानसभा की सदस्यता समाप्त हो जाती है. इसके अलावा वह रिहाई के छह साल बाद तक कोई चुनाव भी नहीं लड़ सकता है.

सुप्रीम कोर्ट ने 10 जुलाई 2013 को लिली थामस वर्सेज यूनियन ऑफ इंडिया केस में बड़ा फैसला दिया था. सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि अगर कोई सांसद, विधायक या विधान परिषद सदस्य किसी भी अपराध के मामले में दोषी पाया जाता है और उसे कम से कम दो साल की सजा होती है तो वह तुरंत ही संसद, विधानसभा या विधान परिषद की सदस्यता के लिए अयोग्य हो जाएगा. यानी उसका चुनाव रद्द हो जाएगा और वह जनप्रतिनिधि नहीं रहेगा. सर्वोच्च अदालत के इस फैसले के बाद से अब तक कई नेताओं को अपने पद गंवाने पड़े हैं. 

Advertisement

सबसे पहले आरजेडी के सांसद लालू यादव की गई थी सदस्यता 


सुप्रीम कोर्ट का आदेश लागू होने के बाद सबसे पहले लालू यादव पर इसकी गाज गिरी थी. साल 2013 में लालू यादव को चारा घोटाला केस में कोर्ट ने सजा सुनाई. इसके बाद उनकी संसद सदस्यता खत्म गई थी. इसके साथ ही उनके चुनाव लड़ने पर रोक भी लग गई. तब से अब तक लालू यादव चुनाव लड़ने के अयोग्य हैं.

Advertisement

जेडीयू के सांसद जगदीश शर्मा को खोना पड़ा था पद
बिहार के जहानाबाद से जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के सांसद जगदीश शर्मा को गोड्डा कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित चारा घोटाला मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने सजा सुनाई थी. अदालत ने जगदीश शर्मा को चार साल की कैद और दो लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी. इससे उनकी संसद सदस्यता चली गई थी.  

Advertisement

लक्षद्वीप के लोकसभा सदस्य पीपी मोहम्मद फैजल का केस कोर्ट में

  
लक्षद्वीप के सांसद पीपी मोहम्मद फैजल को अदालत ने 10 साल की सजा सुनाई है. इसके बाद उनकी सदस्यता चली गई थी. चुनाव आयोग ने लक्षद्वीप लोकसभा सीट के उपचुनाव की घोषणा भी कर दी थी. लेकिन इसी बीच केरल हाईकोर्ट ने पीपी मोहम्मद फैजल की सजा पर रोक लगा दी. फिलहाल यह केस सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. फैजल पर कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री पीएम सईद और मोहम्मद सालिया पर जानलेवा हमला करने का आरोप है. 

Advertisement

कांग्रेस सांसद रशीद मसूद को किया गया था अयोग्य घोषित  
मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के एमबीबीएस सीट घोटाला केस में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद काजी रशीद को सजा होने पर उनकी सदस्यता चली गई थी. कांग्रेस ने रशीद को उत्तर प्रदेश से राज्यसभा में भेजा था. उन्हें एमबीबीएस सीट घोटाले में दोषी पाया गया था और सन 2013 में अदालत ने उन्हें चार साल की सजा सुनाई थी.

धोखाधड़ी केस में सजा मिलने पर गया था मित्रसेन यादव का सांसद पद 
उत्तर प्रदेश की फैजाबाद लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के सांसद मित्रसेन यादव को ‘रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपुल्स एक्ट 1951' के तहत वर्ष 2009 में संसद सदस्यता से हाथ धोना पड़ा था. उन्हें धोखाधड़ी के एक केस में सजा होने पर पद गंवाना पड़ा था. मित्रसेन यादव को धोखाधड़ी के मामले में दोषी पाए जाने पर अदालत ने सात साल की सजा दी थी. इसके बाद वे संसद सदस्यता के अयोग्य घोषित हो गए था. 

कई विधायकों को भी किया जा चुका है अयोग्य घोषित 
इसके अलावा 'जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951' के तहत कई नेताओं के विधानसभा और विधान परिषद सदस्यता गंवाने के भी कई मामले हैं. इनमें ताजा चर्चित मामला आजम खान का है. समाजवादी पार्टी के प्रभावी नेता और उत्तर प्रदेश के रामपुर से विधायक रहे आजम खान की सदस्यता चली गई है. आजम खान को पीएम नरेंद्र मोदी पर अभद्र टिप्पणी करने के मामले में कोर्ट ने तीन साल की सजा सुनाई है. इस पर उनसे उनकी विधानसभा सदस्यता छीन ली गई. 

इससे पहले झारखंड के ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन के विधायक कमल किशोर भगत, महाराष्ट्र के बीजेपी के विधायक सुरेश हलवंकर, महाराष्ट्र के ही विधायक पप्पू कालानी और मध्य प्रदेश की बीजेपी की एमएलए आशा रानी अलग-अलग मामलों में सजा मिलने पर विधानसभा सदस्यता खो चुके हैं.

गुजरात की सूरत की अदालत ने मानहानि केस में राहुल गांधी को तुरंत जमानत दे दी है. उन्हें अपील करने के लिए 30 दिन का समय दिया गया है. तब तक उनकी सजा को निलंबित कर दिया गया है. अदालत के सजा के फैसले से कानून के तहत उनकी संसद सदस्यता खतरे में पड़ गई है. बहरहाल कांग्रेस की ओर से मामले को हाईकोर्ट में ले जाने के संकेत मिले हैं. 

Featured Video Of The Day
Christmas Celebration 2024: Jharkhand CM Hemant Soren पहुंचे Archbishop House, दी शुभकामनाएं