सुप्रीम कोर्ट की समिति ने कहा, किसानों से विनती है कि बात करने के लिए आएं

समिति सदस्य प्रमोद कुमार जोशी ने कहा- हम यहां पर अपने व्यूज नहीं देने आए हैं, हम सुप्रीम कोर्ट को वही बताएंगे जो हमे यहां आकर किसान बताएंगे

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प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:

कृषि क़ानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित की गई समिति ने मंगलवार को दिल्ली के पूसा इंस्टीट्यूट में पहली बैठक की. बैठक के बाद समिति के सदस्यों ने मीडिया के ज़रिए प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों को बातचीत के लिए आने की अपील की लेकिन किसान संगठनों ने समिति का न्योता ठुकरा दिया. समिति सदस्य प्रमोद कुमार जोशी ने कहा कि हम किसानों से विनती करते हैं कि बात करने आएं. जो समस्या है वो हमें बताएं. 

दिल्ली के पूसा इंस्टीट्यूट में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित की गई समिति के तीन सदस्यों ने पहली बैठक की.. समिति के तीनों सदस्यों कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी, किसान नेता अनिल घनवत और कृषि विशेषज्ञ प्रमोद कुमार जोशी अब 21 तारीख़ को अगली बैठक करेंगे. इसी दिन किसान संगठनों से बातचीत शुरू करेंगे. 

समिति के तीनों सदस्य पहले ही कृषि क़ानूनों का समर्थन कर चुके हैं जिस पर समिति ने कहा कि वो सुप्रीम कोर्ट की रिपोर्ट में किसानों की बात लिखेंगे और पूरी तरह तटस्थ होकर काम करेंगे. प्रमोद कुमार जोशी ने कहा कि हमारा क्या व्यू है वो हम रिपोर्ट में नहीं लिखेंगे. जो किसान कहेंगे हमें वो ही लिखना है. हम वेबसाइट बनाकर लोगों से सुझाव मांगेंगे. मगर किसान संगठनों ने फिर से कहा कि समिति के सामने उन्हें नहीं जाना है.

प्रमोद कुमार जोशी ने एनडीटीवी के सवाल - प्रदर्शन कर रहे किसान आपसे बात करने को तैयार नहीं हैं, उन्हें कैसे मनाएंगे? पर कहा कि हम उनसे विनती करते हैं कि वो हमसे बातचीत करने के लिए आएं. जो समस्याएं हैं उन्हें वे हमें बताएं आकर. यह पूछने पर कि अगर वो नहीं आए तो क्या आप लोग जाएंगे उनके पास बात करने? उन्होंने कहा कि हम जा सकते हैं. हम आपस में बातचीत करके तय करेंगे. 

जोशी से जब पूछा गया कि किसान संगठन कह रहे हैं कि आप लोग कृषि क़ानूनों का समर्थन कर चुके हैं, आप बायस्ड हैं? तो जवाब मिला- हम यहां पर अपने व्यूज नहीं देने आए हैं. हम सुप्रीम कोर्ट को वही बताएंगे जो हमे यहां आकर किसान बताएंगे. हम unbiased, impartial हैं. हम इसलिए website बनाकर लोगों से सुझाव मांगेंगे. हमारी यही कोशिश होगी कि हम ज़्यादा से ज़्यादा किसानों से बात करें. हम सरकार से भी बात करेंगे. समिति की अगली बैठक 21 तारीख़ को होगी.

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