The Royals Web Series Controversy: OTT प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर हाल ही में रिलीज हुई वेब सीरीज 'द रॉयल्स' (The Royals) को लेकर विवाद शुरू हो गया है. गुजरात, राजस्थान के कई शाही परिवारों ने इस वेब सीरीज पर आपत्ति जताई है. द रॉयल्स वेब सीरीज में ईशान खट्टर, भूमि पेडनेकर, साक्षी तंवर, विहान कामत जैसे कलाकार अहम भूमिका में हैं. इस सीरीज में शाही परिवार की कंगाली के साथ राजकुमार और एक हॉस्पिटैलिटी कंपनी की CEO की प्रेम कहानी को बताया गया है.
शाही परिवारों से जुड़े तथ्यों की गलत व्याख्या का आरोप
'द रॉयल्स' पर शाही परिवारों से जुड़े तथ्यों की गलत व्याख्या करने का आरोप लग रहा है. राजघरानों की कहानी पर आधारित इस वेब सीरीज में शाही परिवारों के सदस्यों के बीच मतभेद बताए जाने पर भी आपत्ति जाहिर की गई है. साथ ही शाही परिवार को गरीब के रूप में चित्रित करने के लिए भी इसकी आलोचना की जा रही है.
हालांकि विरोध के बाद भी नेटफ्लिक्स ने द रॉयल्स शो के दूसरे सीज़न की घोषणा कर दी है.
बड़ौदा की महारानी राधिकाराजे ने बुलंद की आवाज
बड़ौदा की महारानी राधिकाराजे गायकवाड़ ने द रॉयल्स की आलोचना करते हुए कहा कि सीरीज में अब के राजाओं को गलत तरीके से दिखाया गया है. राधिका राजे ने अपने इंस्टाग्राम पर एक नोट शेयर किया है, जिसमें उन्होंने बताया कि कई राजा भारत की कल्चर और सोशल सिनेरियो में अहम योगदान दे रहे हैं.
द रॉयल इग्नोर नाम से शेयर किया नोट
बड़ौदा की महारानी राधिकाराजे गायकवाड़ ने इस बात पर अफसोस जताया कि सीरीज में राज परिवार की महिलाओं को गलत तरीके से दिखाया गया है. राधिकाराजे गायकवाड़ ने इंस्टाग्राम पर ‘द रॉयल इग्नोर' टाइटल नाम से नोट शेयर किया.
'शाही परिवार के कई लोग राजनीति, समाजसेवा में कर रहे काम'
सोशल मीडिया पर शेयर किए नोट में बड़ौदा की महारानी राधिकाराजे गायकवाड़ ने लिखा कि शाही लोग आज भी राजनीति, एजुकेशन, टूरिज्म और समाजसेवा जैसे क्षेत्रों में काम कर रहे हैं. उनका मानना है कि ऐसे लोगों को गलत ढंग से वेब सीरीज में पेश करना ठीक नहीं है.
'राजाओं को व्हिस्की में डूबे और रानियों को मोतियों में दिखाने का प्रोपेगेंडा'
बड़ौदा महारानी ने अफसोस जहताते हुए कहा कि आजादी के बाद से ही राजघरानों की इमेज को तोड़-मरोड़ कर दिखाया जा रहा है. उन्होंने लिखा कि राजाओं को व्हिस्की में डूबे और रानियों को शिफॉन और मोतियों में दिखाना, आजादी के बाद शुरू हुआ एक पॉलिटिकल प्रोपेगेंडा था, जो आज भी बना हुआ है.
महाराष्ट्र के फलटन परिवार (छत्रपति शिवाजी महाराज की पत्नी साईं बाई का वंश) ने भी राधिका राजे गायकवाड़ के विचारों का समर्थन किया है.
संदूर की पूर्व महारानी यशोधरा घोरपड़े ने भी जताया विरोध
संदूर की पूर्व महारानी यशोधरा घोरपड़े ने NDTV से खास बातचीत में कहा कि "आज शाही परिवार सफलतापूर्वक व्यवसाय, स्कूल और अस्पताल चला रहे हैं. हम लोक कला और शिल्प परंपराओं को संरक्षित कर रहे हैं. मैं खुद कई सालों से स्कूल चला रहा हूं."
गोवा के पूर्व CM की पत्नी ने कहा- यह पूरी तरह से बकवास
गोवा के पूर्व सीएम प्रतापसिंह राणे की पत्नी विजयादेवी राणे ने NDTV से फोन पर हुई खास बातचीत में कहा कि हर कोई इतना बेकार नहीं था. उन्होंने (राजाओं) आज के विकास की नींव रखी. ज्यादातर शासकों ने स्कूल, अस्पताल और कॉलेज शुरू किए, मेरे पति 18 साल तक गोवा में सीएम रहे, वे एक सफल विधायक रहे हैं और मेरा बेटा राजनीति में है.
उन्होंने कहा, "हम एक सक्रिय व्यक्ति हैं सक्रिय परिवार और हम राष्ट्र निर्माण में योगदान दे रहे हैं. यह पूरी तरह से बकवास है, हर कोई एक भ्रष्ट जीवन नहीं जी सकता है."
महल को होटल में बदलने वाले कंगाल राजकुमार की कहानी
दरअसल, नेटफ्लिक्स की यह सीरीज मोरपुर नामक एक शाही परिवार की काल्पनिक कहानी है, जो आर्थिक रूप से बर्बाद हो रहा है और अपने महल को होटल में बदलना चाहता है. ताकि उसे बचाया जा सके और वित्तीय बर्बादी से उबर सके. इस सीरीज के कई हिस्से जयपुर में भी शूट किए गए हैं.
सीरीज पर आपत्ति जाहिर करने वाले पूर्व राजपरिवारों के सदस्यों का मानना है कि टीवी पर राजघरानों को गलत तरीके से पेश किया जाना या सार्वजनिक जीवन में कदम रखने पर राजघरानों की छवि को प्रभावित करता है.