मुंबई में 2008 के आतंकवादी हमलों के सरगना हाफिज सईद के प्रतिबंधित संगठनों का नया चेहरा माना जा रहा ‘पाकिस्तान मरकाजी मुस्लिम लीग' नामक नया राजनीतिक दल बृहस्पतिवार को होने वाले आम चुनाव में भाग ले रहा है. मीडिया में आयी एक खबर से यह जानकारी मिली है.
‘ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन' (बीबीसी-उर्दू) की एक खबर में कहा गया है कि इस संगठन द्वारा पाकिस्तान के विभिन्न शहरों से नामांकित कुछ उम्मीदवार हाफिज सईद के रिश्तेदार हैं या उनका संबंध पूर्व में प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा, जमात-उद-दावा या मिल्ली मुस्लिम लीग से रहा है.
भारत ने पिछले साल 29 दिसंबर को पाकिस्तान से सईद को प्रत्यर्पित करने के लिए कहा था जो आतंकवाद के कई मामलों में भारत में वांछित है. भारत ने सईद के बेटे हाफिज तलहा के पाकिस्तान में चुनाव लड़ने की खबरों पर भी संज्ञान लिया और कहा कि पड़ोसी देश में कट्टरपंथी आतंकवादी संगठनों को ‘मुख्यधारा' में लाना कोई नयी बात नहीं है और यह लंबे समय से सरकारी नीति का हिस्सा रहा है.
पाकिस्तान ने भी लश्कर-ए-तैयबा, जमात-उद-दावा और उससे संबंद्ध दलों तथा संगठनों को प्रतिबंधित संगठनों की सूची में शामिल किया है जिनमें खैर नास इंटरनेशनल ट्रस्ट, फलाह इंसानियत फाउंडेशन, अल-अनफल ट्रस्ट, खमतब खलाक इंस्टीट्यूशन, अल-दवात अल-अरशद, अल-हमाद ट्रस्ट, अल-मदीना फाउंडेशन और मुआज बिन जबाल एजुकेशनल ट्रस्ट शामिल हैं.
पाकिस्तान में धार्मिक संस्थाओं पर नजर रखने वाले विश्लेषकों के हवाले से खबर में शनिवार को दावा किया गया कि मरकाजी मुस्लिम लीग सईद की जमात-उद-दावा का ‘‘नया राजनीतिक चेहरा'' है. बहरहाल, पार्टी के एक प्रवक्ता ने सईद के संगठनों से किसी भी प्रकार के संबंध होने से इनकार किया.
खबर में कहा गया है कि सईद का बेटा हाफिज तलहा सईद मरकाजी मुस्लिम लीग पार्टी की तरफ से चुनाव में भाग ले रहा है और वह लाहौर में नेशनल असेंबली-122 निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहा है. इसी सीट से पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के नेता और पूर्व मंत्री ख्वाजा साद रफीक भी चुनाव लड़ रहे हैं.
इसी तरह, सईद का दामाद हाफिज नेक गुज्जर मरकाजी मुस्लिम लीग की टिकट पर प्रांतीय विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र पीपी-162 से चुनाव लड़ रहा है.
पहले भी जमात-उद-दावा से जुड़े कुछ लोग ‘मिल्ली मुस्लिम लीग' पार्टी की तरफ से 2018 में चुनावों में भाग लेने की कोशिश कर चुके हैं लेकिन पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने इस संगठन को प्रतिबंधित कर दिया था और तत्कालीन सरकार के विरोध के बाद पंजीकरण के लिए उसका आवेदन खारिज कर दिया था.
अमेरिका ने ‘मिल्ली मुस्लिम लीग' को प्रतिबंधित कर दिया था और इससे जुड़े सात लोगों को ‘‘वैश्विक आतंकवादियों'' की सूची में शामिल किया था. अब इनमें से चार लोग पंजाब और सिंध विधानसभाओं में मरकाजी मुस्लिम लीग की तरफ से चुनाव लड़ रहे हैं.
मरकाजी मुस्लिम लीग के एक प्रवक्ता हंजाला इमाद ने कहा, ‘‘हमारा कोई भी उम्मीदवार किसी भी गैरकानूनी गतिविधि में शामिल नहीं है और किसी भी प्रतिबंधित पार्टी का हिस्सा नहीं है.'' बीबीसी ने इन लोगों के चुनाव लड़ने को लेकर निर्वाचन आयोग से सवाल किए हैं लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है.
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