UP सरकार के बजट को विपक्ष ने बताया दिशाहीन, अखिलेश ने पूछा- इसमें 90% जनता के लिए क्या?

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सोमवार को कहा कि बजट चाहे सात लाख करोड़ का हो या आठ लाख करोड़ का, सवाल यही रहेगा कि 90 प्रतिशत जनता यानी ‘पीडीए’ (पिछड़ों-दलितों-अल्पसंख्यकों) के लिए इसमें क्या है .

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लखनऊ:

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सोमवार को विधानसभा में वित्त वर्ष 2024-25 के लिये पेश किये गये बजट को समाजवादी पार्टी(सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस ने दिशाहीन करार दिया. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सवाल किया कि प्रदेश की उस 90 फीसदी जनता के लिए बजट में क्या है जिसका संबंध ‘पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक' (पीडीए) समुदाय से है.

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सोमवार को कहा कि बजट चाहे सात लाख करोड़ का हो या आठ लाख करोड़ का, सवाल यही रहेगा कि 90 प्रतिशत जनता यानी ‘पीडीए' (पिछड़ों-दलितों-अल्पसंख्यकों) के लिए इसमें क्या है .

वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना द्वारा आज विधानसभा में सात लाख 36 हजार 437 करोड़ रुपये का बजट पेश किया.

यादव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर पोस्ट कर कहा, ‘‘यूपी का बजट चाहे सात लाख करोड़ का हो या आठ लाख करोड़ का… सवाल यही रहेगा कि 90 फीसदी जनता यानी ‘पीडीए' के लिए इसमें क्या है.''

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उन्होंने कहा, ‘‘ दरअसल, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नीति जन विरोधी है वो 10 फीसदी संपन्न लोगों के लिए 90 फीसदी बजट रखती है और 90 फीसदी जरूरतमंद जनता के लिए नाममात्र का 10 फीसदी बजट.''

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उन्होंने कहा, ‘‘ उप्र की भाजपा सरकार आंकड़ों में नहीं उलझाकर सीधे बताये कि इस बजट से महंगाई से कितनी राहत मिलेगी, कितने युवाओं को रोजगार मिलेगा, अपराध और भ्रष्टाचार कम करने के उपायों पर कितना खर्च किया जाएगा, मंदी और जीएसटी की मार झेल रहे कारोबार और दुकानदारी को बढ़ावा देने के लिए क्या प्रावधान हैं, फसल के सही दाम मिलेगा या नहीं, किसानों की आय दोगुनी होगी या नहीं और श्रमिकों को मेहनत की सही कीमत मिलेगी या नहीं .''

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यादव ने पोस्ट में पूछा, ‘‘ महिलाओं को बेखौफ घर से निकलने की आजादी देने के लिए अपराधियों को काबू करने के खातिर जगह-जगह सीसीटीवी लगेंगे या नहीं, कर्मचारियों को पुरानी पेंशन मिलेगी या नहीं, अच्छी दवाई-पढ़ाई के लिए कितना आवंटन किया गया है, घर-घर पानी पहुंचाने और शौचालयों के सुचारु संचालन की योजना के लिए दिखावटी प्रावधान कितना है. गोरखपुर में बरसात में नाव चलाने और गोरखपुर वासियों को तैरने का मुफ्त प्रशिक्षण देने के लिए कितना प्रावधान किया गया है, नये बिजली घरों के लिए कितना बजट है, नई सड़कें तो छोड़िए, बस इतना और बता दें कि सड़कों के गड्ढे भरने का बजट में कोई प्रावधान है या नहीं…???''

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उन्होंने कहा कि ‘‘झूठे दावों के दिखावटी प्रचार के लिए आपकी भाजपा सरकार ने कितना प्रावधान किया है कृपया इसकी मोटी फाइल अलग से जनता के सामने रखें.''

बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि यह पार्टी के चुनावी हित का ज्यादा व व्यापक जनहित एवं जनकल्याण का कम लगता है.

बसपा नेता ने 'एक्स' पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा,''उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आज सदन में पेश वर्ष 2024-25 का बजट पार्टी के चुनावी हित का ज्यादा व व्यापक जनहित एवं जनकल्याण का कम लगता है. सरकार की विभिन्न घोषणाएं, वादे और दावे अपनी जगह, किन्तु क्या विकास सम्बंधी सरकार के पिछले सारे वादे पूरे हो गये हैं, इसका भी मूल्यांकन जरूरी.''

मायावती ने कहा,'' उप्र सरकार सर्व समाज के हित, विकास व कानून-व्यवस्था के सम्बंध में जितने भी दावे और वादे बजट में करती है उसका सही से अनुपालन जरूरी है, तभी राज्य के लोगों की अपार गरीबी, बेरोजगारी, पिछड़ापन आदि दूर हो पाएगा.''

बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने कहा बजट का आकार बड़ा होना बजट की सफलता की निशानी नहीं है, क्योंकि पिछले बजट को इसी तरह बड़ा बनाया गया था पर 40 प्रतिशत विभागों ने अपना आवंटित बजट खर्च नहीं किया.

मोना ने पूछा कि जब पिछले बजट का आवंटन विभाग खर्च नहीं कर पाए तो बजट की राशि खर्च किए बिना प्रदेश का विकास कैसे हो सकता है. मोना ने कहा बजट को सबसे बड़ा बताकर कीर्तिमान रचने की बात की जा रही है, लेकिन हकीकत यह है कि बजट में अधिकांश आवंटन सिर्फ पुरानी योजनाओं के लिए ही है.

उन्होंने कहा कि बजट का 10 प्रतिशत अंश भी नई योजनाओं के लिए नहीं है. मोना ने कहा कि इस बजट में अधिकांश योजनाएं केंद्र सरकार की ही हैं जिन्हें उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार अपना बनाकर प्रस्तुत कर रही है.

मोना ने कहा कि जब बजट में नई योजनाएं ही नहीं हैं तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार प्रदेश के विकास, युवाओं को नौकरी देने, आम आदमी की आय बढ़ाने, किसानों की समृद्धि और इस प्रदेश की महिलाओं-दलितों और पिछड़ों की सुरक्षा के लिए कितना गंभीर है.

आम आदमी पार्टी के नेता शेखर दीक्षित ने कहा कि मेरे हिसाब से राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा के लिए बहुत कम बजट का आवंटन किया है. इससे इनका गैर जिम्मेदाराना रवैया झलकता है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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