सेंट्र्ल विस्टा प्रोजेक्ट के हिस्से के तौर पर चिन्हित प्रधानमंत्री आवास का काम दिसंबर 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा. महामारी के बीच इस प्रोजेक्ट को पर्यावरण संबंधी सारी मंजूरी दे दी गई हैं, जबकि अन्य तमाम तरह की गतिविधियों पर अंकुश लगा हुआ है. केंद्र ने सेंट्र्ल विस्टा प्रोजेक्ट (Central Vista Project) को आवश्यक सेवाओं के तहत रखा है, ताकि लॉकडाउन जैसी पाबंदियों के दौरान भी इसका काम न रुके. केंद्र सरकार की हरी झंडी के बाद प्रोजेक्ट का काम नई रफ्तार पकड़ रहा है. विपक्षी दलों, अधिकार कार्यकर्ताओं के कड़े ऐतराज के बावजूद सरकार एक निश्चित समयसीमा के भीतर संसद भवन और अन्य इमारतों के कायाकल्प को लेकर प्रतिबद्ध दिखाई पड़ रही है. प्रधानमंत्री ने 10 दिसंबर को नए संसद भवन का भूमि पूजन किया था
प्रोजेक्ट के तहत जिन इमारतों का निर्माणकार्य अगले साल दिसंबर तक पूरा होना है, उनमें प्रधानमंत्री आवास (Prime Minister's residence) भी शामिल है. इसी समयसीमा के भीतर प्रधानमंत्री की सुरक्षा में तैनात रहने वाली एसपीजी का मुख्यालय और नौकरशाहों के लिए विशेष गलियारा भी इसी दिसंबर 2022 की समयसीमा में पूरा हो जाएगा. प्रधानमंत्री का मौजूदा आधिकारिक आवास का पता 7, लोक कल्याण मार्ग है, जो पहले रेस कोर्स रोड था.
उप राष्ट्रपति का भवन अगले साल मई तक पूरा हो जाएगा. प्रोजेक्ट की लागत करीब 13, 450 करोड़ रुपये रखी गई है और इस योजना में करीब 46 हजार लोगों को लगाया गया है. विपक्षी दल लंबे समय से दिल्ली की ऐतिहासिक इमारतों में शामिल संसद भवन की जगह नए संसद भवन के निर्माण के औचित्य पर सवाल उठाते रहे हैं.
कोविड इमरजेंसी के बीच सोशल मीडिया पर भी लोग इसको लेकर हो रहे खर्च पर सवाल उठा रहे हैं. उनका कहना है कि जब अस्पतालों, ऑक्सीजन और दवाओं को लेकर सरकार संकट झेल रही हैं, तो उस वक्त ऑक्सीजन, बेड (oxygen, vaccines, medicines and beds) और अन्य जरूरी संसाधन जुटाने की बजाय सरकार प्रोजेक्ट पर पानी की तरह पैसे बहा रही है.
राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक 4 किलोमीटर में फैले सरकारी भवनों और इमारतों के पुनर्निर्माण और पुनरोद्धार का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट 2024 के आम चुनाव के पहले पूरा किया जाना है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पिछले हफ्ते ट्वीट कर कहा था कि सेंट्रल विस्टा जरूरी नहीं है, बल्कि महत्वपूर्ण दृष्टिकोण (सेंट्रल विजन) वाली सेंट्रल गवर्नमेंट की जरूरत है.