मेंगलुरु में हुई प्रवीण और फाजिल की हत्याओं की गुत्थी नहीं सुलझी, लोगों में प्रशासन के खिलाफ गुस्सा

पुलिस ने प्रवीण नेत्तारु की हत्या के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया, लेकिन यह नहीं बताया कि इन दोनों की इस हत्याकांड में भूमिका क्या थी?

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
मेंगलुरु में हत्या की घटनाओं पर लोगों में आक्रोश है, शहर में पुलिस बल तैनात है.
बेंगलुरु:

Mangaluru murder Cases: मेंगलुरु में हुई दो हत्याओं की गुत्थी अब तक नहीं सुलझ पाई है. कम से कम पुलिस ने आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं बताया है. प्रवीण और फ़ाज़िल की हत्या की क्या वजह थी, यह सबसे बड़ा सवाल है. फिलहाल पुलिस के पास जवाब नहीं है. बीजेपी युवा मोर्चा नेता प्रवीण नेत्तारु की जिस तरह से हत्या की गई उससे साफ था कि हमलावरों के दिल में काफी नफरत थी. पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया लेकिन यह नहीं बताया कि इन दोनों की इस हत्याकांड में भूमिका क्या थी? ऐसे में पुलिस और प्रशासन के खिलाफ लोगों का गुस्सा और भड़का. गुस्साई भीड़ ने प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष नलिन कतील और संघ के नेताओं की गाड़ी का घेराव किया था.

कर्नाटक के डीजीपी-आईजीपी प्रवीण सूद ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी पुलिस की है, यह सच है. लेकिन आम लोग, नेता और सभी धर्मों के लोगों को पुलिस के साथ सहयोग करना चाहिए. अगर वे हमें सूचना देते रहेंगे तो ऐसी घटनाओं पर काबू पाया जा सकता है.

फाजिल की भी हत्या धारदार हथियार से की गई थी. यह हत्याकांड सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हुआ. जिस गाड़ी से हमलावर आए थे उसके मालिक को पुलिस ने गिरफ्तार किया. साफ है कि अब तक हमलावरों की पूरी जानकारी  पुलिस को मिल चुकी होगी, लेकिन पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार क्यों नहीं कर रही. क्या उसे डर है कि इससे हिंसा भड़क सकती है?

Advertisement

प्रवीण सूद ने कहा कि, अब इन तीनों केसों को जल्दी सुलझा लेंगे, हमें यह विश्वास है. इससे ज्यादा जरूरी बात यह है कि आगे ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए, इसीलिए मैं यहां आया हूं, ताकि सीधे अधिकारियों के साथ बैठक करके, जैसा हमारे माननीय सीएम ने दिशानिर्देश दिए हैं, उनके साथ चर्चा कर सकें.

Advertisement

दस दिनों में तीन हत्याएं हुईं, 18 साल के मसूद, फिर 31 साल के प्रवीण नेत्तारु और बाद में 23 साल के फ़ाज़िल की. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई सिर्फ प्रवीण के घर गए और 50 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया. लेकिन वे मसूद और फाजिल के घर नहीं गए. ऐसे में मुस्लिम संगठनों ने शांति समिति की बैठक का बहिष्कार किया. सोमवार को कोप्पल में मुख्यमंत्री को कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया के कार्यकर्ताओं ने काला झंडा दिखाया.

Advertisement

सुरक्षाबलों की मौजूदगी की वजह से दक्षिण कन्नड़ा ज़िले में शांति है लेकिन पुलिस के हटाए जाने के बाद क्या वहां माहौल सामान्य रहेगा, ये एक बड़ा सवाल है. बेंगलुरु में बैठे हुक्मरानों को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए ताकि समाज में फैलती नफरत को कम किया जा सके.

Advertisement

कर्नाटक : बीजेपी युवा मोर्चा नेता की हत्या के बाद एबीवीपी का प्रदर्शन, गृहमंत्री से मांगा इस्तीफा

Featured Video Of The Day
Delhi Air Pollution: दिल्ली की हवा में ऐसा जहर, India Gate भी गायब! | NDTV India
Topics mentioned in this article