इंदौर में कोरोना महामारी के कारण शहर के सरकारी व निजी हॉस्पिटल में मरीजों की हालत बद से बदतर होती नजर आ रही है. रोजाना हॉस्पिटलों में लापरवाही के चलते छोटे बड़े विवाद सामने आ रहे हैं, लेकिन प्रशासन व सरकार के नुमाइंदे कोई अच्छी पहल नहीं कर पा रहे है. इसी कड़ी में कैबिनेट मंत्री व इंदौर के कोरोना महामारी आपदा के प्रभारी तुलसी सिलावट, BJP नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे और सांसद शंकर लालवानी सहित कई बीजेपी के पदाधिकारी बीजेपी कार्यालय पर मीडिया से मुखातिब हुए, यहां उन्होंने मीडिया के कई सवालों के जवाब गोलमाल तरीके से देते हुए नजर आए. शहर में ऑक्सीजन की पूर्ति हो या फिर आवश्यक दवाइयों की कमी, सभी सवालों पर उनका जवाब था कि केवल सरकार व्यवस्था कर रही है. लेकिन धरातल पर हालत कुछ और ही हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट और भाजपा अध्यक्ष गौरव रणदिवे इंदौर में रेमडिसिवर की कमी को लेकर पत्रकारों के सवालों के जवाब नहीं दे पाए और प्रेस कॉन्फ्रेंस छोड़कर भागे...!
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श्मशान घाटों में रोजाना देह संस्कार के लिए पहुंच रहे शव शायद शासन प्रशासन के आंकड़ों से बाहर हैं, इन शवों को आंकड़ों में नहीं गिना जा रहा. नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे का कहना है कि शहर में हॉस्पिटलों की संख्या बढ़ाकर 105 कर दी गई है. आने वाले दिनों में अन्य शासकीय हॉस्पिटलों को भी कोविड-19 बनाया जाएगा और यहां पर इलाज शुरू किया जाएगा. कुछ हॉस्पिटलों को ऑक्सीजन उत्पादन के लिए हॉस्पिटल परिसर में ही ऑक्सीजन प्लांट लगाने का कार्य किया जा रहा है जिससे भविष्य में ऑक्सीजन की कमी की पूर्ति की जा सकेगी.
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हॉस्पिटलों में बेड की कमी को लेकर उनका कहना था कि होम आइसोलेशन पर जोर दिया जा रहा है ताकि बेड की कमी दूर की जा सके जिन मरीजों को हॉस्पिटल में रहने की आवश्यकता है उन्हें ही रखा जाएगा. मीडिया द्वारा मरीजों को बेड उपलब्ध नहीं होने के कारण मौतों के आंकड़े को लेकर नगर अध्यक्ष का कहना था कि ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं है जिसे बेड ना मिला हो. लेकिन धरातल में कुछ और ही नजारा है. सोशल मीडिया पर लगातार लोगों के मैसेज वायरल हो रहे हैं कि उन्हें बेड की आवश्यकता है और कई लोग सोशल मीडिया के माध्यम से ही बेड की तलाश में जुटे हुए हैं. रेमडेसिविर में उन्होंने कहा पूरे देश मे इस दवाई की कमी है.
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