मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) पर हमला करते हुए समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने शुक्रवार को कहा कि लोकतंत्र के मंदिर विधानसभा में वह जिस प्रकार की ‘ठोंक देंगे', ‘पटक के मारेंगे' की भाषा बोलते हैं, वह एक योगी की भाषा नहीं हो सकती है. अखिलेश ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि लोकतंत्र के मंदिर सदन में ‘ठोक देंगे', पटक के मारेंगे'' जैसी भाषा नहीं बोली जा सकती है. यादव ने चुटकी लेते हुए कहा, ऐसा लगता है कि उन्होंने बचपन में "लाल मिर्च" का सेवन किया था, इसीलिए उन्हें समाजवादी ''लाल टोपी'' से डर लगता है. उन्होंने कहा कि लाल भावनाओं का रंग है, हमारा दुख और खुशी इस रंग के साथ परिलक्षित होती है, हम यह भी कह सकते हैं कि जिन लोगों का दिल काला होता है, वे काली टोपी पहनते हैं. यहां अखिलेश का इशारा राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (आरएसएस) कार्यकर्ताओं से था, जो काली टोपी पहनते हैं.
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अखिलेश बुधवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी के बयान का जिक्र कर रहे थे, जब उन्होंने कहा था कि एक टोपी पहने नेता को एक बच्चे ने गुंडा समझ लिया था और सदस्यों से कहा था कि वह लाल, पीली, नीली, टोपी पहन कर लोकतंत्र के मंदिर सदन को नाटक कंपनी के रूप में न बदलें. अखिलेश यहां पार्टी कार्यकर्ताओं के तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल होने आए थे. उन्होंने कहा कि वर्तमान में "लोकतंत्र के लिए खतरा" है और केवल सपा ही भाजपा से लड़ सकती है. कृषि कानूनों के बारे में पूछे जाने पर अखिलेश ने कहा कि यह किसानों के लिए "डेथ वारंट" :मौत का फरमान: साबित होगा. उन्होंने पूछा कि पेट्रोल और डीजल से मिल रहा लाभ कहां जा रहा है.
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यादव ने कहा कि भाजपा राष्ट्रीय सम्पत्तियों को बेचने जा रही हैं. सरकार घाटे में है तो बड़ी कम्पनियां बेच रही है. खेती में घाटा होगा तो क्या उसे भी उद्योगपतियों के हाथों में सौप देगी? उन्होंने कहा कि किसान को एमएसपी नहीं मिली है, नहीं आगे मिलेगी भाजपा झूठे आश्वासन दे रही है. पार्टी नेता आज़म खान पर पूछे गये सवाल पर अखिलेश ने कहा कि उनके खिलाफ सबसे अधिक फर्जी मुकदमे सिर्फ इसलिए दर्ज किए गए क्योंकि दूसरे राज्य का एक अधिकारी अपना सेवा विस्तार चाहता था. अखिलेश ने कहा, मुख्यमंत्री ने अपने ऊपर दर्ज मामले ही वापस ले लिए हैं. एक सवाल के जवाब में यादव ने कहा कि "2022 के चुनाव में समायोजन के लिए सपा के दरवाजे छोटे दलों के लिए खुले हैं."
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