कोविशील्ड की 2 डोज़ के बीच अंतराल बढ़ाने पर विवाद में स्वास्थ्य मंत्री ने दिया स्पष्टीकरण

सरकार ने 13 मई को कोविड-19 कार्य समूह (COVID-19 Working Group) की सिफारिशों को स्वीकार करते हुए कोविशील्ड (Covishield ) की दो डोज के बीच समयांतराल बढ़ाया था. 

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कोविड टॉस्कफोर्स के सदस्य वीके पॉल ने कहा कि NTAGI की सिफारिशों के आधार पर यह निर्णय़ किया गया है. 
नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने कहा है कि कोविशील्ड की दो डोज (Covishield ) के बीच समयांतराल 6-8 हफ्ते की जगह 12 से 16 हफ्ते करने का फैसला वैज्ञानिक साक्ष्यों औऱ तथ्यों पर आधारित है. सरकार ने 13 मई को कहा था कि उसने कोविड-19 कार्य समूह (COVID-19 Working Group) की सिफारिशों को स्वीकार करते हुए ऐसा किया है. नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन (NTAGI) के चेयरमैन एनके अरोरा ने भी मंगलवार को स्पष्ट किया किया कि दो खुराक के बीच अंतराल बढ़ाने का निर्णय वैज्ञानिक साक्ष्यों पर आधारित है और पूरी तरह पारदर्शी है.

अरोरा ने कहा कि समूह की बैठक के दौरान इस फैसले को लेकर कोई मतभेद नहीं था और सर्वसम्मति से यह सिफारिश की गई. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक ट्वीट में यह जानकारी दी है. सरकार ने समूह की सिफारिशों को स्वीकार करते हुए सभी केंद्रशासित प्रदेश औऱ राज्यों को नए दिशानिर्देश जारी किए थे. इसमें सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की वैक्सीन कोविशील्ड की दो खुराक के बीच समय अंतराल को बढ़ाकर 12 से 16 हफ्ते किया गया है.

वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने भी ट्वीट कर कहा कि कोविशील्ड की दो खुराक के बीच अंतराल बढ़ाने का निर्णय वैज्ञानिक आंकड़ों के आधार पर पारदर्शी तरीके से लिया गया है. भारत में ऐसे हेल्थ डेटा के आकलन का बेहतरीन तंत्र है. बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसे मामलों में भी राजनीतिकरण किया जा रहा है.

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मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि रियल लाइफ एविडेंस की उपलब्धता के आधार पर, विशेषकर ब्रिटेन से मिले साक्ष्यों के आधार पर कोविड-19 वर्किंग ग्रुप ने दो खुराक के बीच समय बढ़ाने पर सहमति जताई है. हालांकि भारत बायोटेक की कोवैक्सिन की दो डोज के बीच अंतराल नहीं बदला गया था. कोविड-19 वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन पर बने नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप (NEGVAC) ने कार्यसमूह की ये सिफारिशें 12 मई को स्वीकार की थीं. NEGVAC की अध्यक्षता नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल कर रहे हैं. 

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वीके पॉल ने दो डोज की बीच समयावधि बढ़ाने पर प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि वैज्ञानिक परीक्षणों पर आधारित निष्कर्ष में इसे ज्यादा प्रभावी पाया गया था और इसीलिए एनटीएजीआई ने ये सिफारिशें स्वीकार कीं. शुरुआत अध्ययन में कोविशील्ड की दो खुराक में समयांतराल 4 से 6 हफ्ते करने का निर्णय़ हुआ था, लेकिन जब वैक्सीनेशन की प्रक्रिया तेज होने के साथ ज्यादा डेटा इकट्ठा हुआ तो पाया गया कि 4 से 8 हफ्ते तक दो डोज का अंतराल बढ़ाने से ज्यादा एंटीबॉडी शरीर में बनीं और यह कोरोना वायरस के खिलाफ ज्यादा प्रभावी पाई गई.

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पॉल ने कहा कि ब्रिटेन में पहले ही कोविशील्ड की दो खुराक के बीच समयांतराल बढ़ाकर 12 हफ्ते कर दिया गया है. डब्ल्यूएचओ ने भी यही कहा है. हालांकि अभी भी कई देशों ने एक महीने के अंतराल में ही दोनों खुराक देने का पैटर्न नहीं बदला है.

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