"जांच के नाम पर हिरासत में रखे रहना है मंशा" : मनीष सिसोदिया की रिमांड बढ़ने पर राघव चड्ढा

आप सांसद ने आरोप लगाया कि आज तक ईडी ने कोई भी नहीं सवाल सिसोदिया से नहीं पूछा है. जो बेतुके सवाल सीबीआई ने पूछे थे, वे ही ईडी पूछ रही है. मंशा केवल यह है कि जांच के नाम पर उन्हें हिरासत में रखे रहें. 

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(स्क्रीनग्रैब)
नई दिल्ली:

दिल्ली सरकार में मंत्री मनीष सिसोदिया की रिमांड बढ़ाए जाने से आम आदमी पार्टी में खासा नाराजगी है. नाराजगी व्यक्त करते हुए आप सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि मनीष सिसोदिया के खिलाफ एक भी सबूत नहीं हैं. ऐसे मुकदमे के लिए सबूत चाहिए होते हैं. कोर्ट जब सीबीआई के मामले में सिसोदिया को बेल देने वाली थी, तो ईडी के जरिए इन्हें गिरफ्तार करा दिया गया और कहा गया कि बहुत पूछताछ करनी है. लेकिन पिछले सात दिनों में मनीष सिसोदिया से ईडी के अधिकारियों ने सिर्फ़ 15 घंटे की पूछताछ की है. यानी हर दिन औसतन दो घंटे. 

केस या आरोपों से संबंधित पूछताछ नहीं 

राघव ने कहा, " यह भी कहा गया कि गवाहों से सामना कराना है, लेकिन सात दिन में मात्र तीन लोगों से आमना सामना कराया गया, यह भी खानापूर्ति है. केस या आरोपों से संबंधित चीज आज तक सिसोदिया से नहीं पूछी गई."

आप सांसद ने आरोप लगाया कि आज तक ईडी ने कोई भी नहीं सवाल सिसोदिया से नहीं पूछा है. जो बेतुके सवाल सीबीआई ने पूछे थे, वे ही ईडी पूछ रही है. मंशा केवल यह है कि जांच के नाम पर उन्हें हिरासत में रखे रहें. 

उन्होंने कहा, " बीजेपी और केंद्र में बैठी मोदी सरकार आज एक मानसिक परेशानी से गुजर रही है. राजनीतिक बदले के लिए आम आदमी पार्टी के नेताओं को जेल में डाल रही है. 2014-2022 तक आठ साल में ईडी ने 3555 नए केस दर्ज किए. लेकिन कोर्ट ने इनमें से मात्र 23 लोगों को दोषी करार देकर सजा सुनाई. स्पष्ट है कि मक़सद फर्जी केस में फंसाकर नेताओं को जेल में रखना है. प्री-ट्रायल बेल ना मिले, प्री ट्रायल जेल मनीष सिसोदिया को फिर से मिल जाए इसकी ही कोशिशें हैं."

बदले की कार्रवाई बंद होनी चाहिए

आप सांसद ने कहा, " इंदिरा गांधी को भी लगता था कि वे सत्ता से बाहर नहीं होंगी, आज वालों को भी यही लगता है. अगर आगे विपक्ष की सरकार बन गई और ऐसे ही ईडी, सीबीआई के ज़रिए काम किया गया तो क्या होगा, इसलिए यह बदले की कार्रवाई बंद होनी चाहिए. "

होलसेल का अधिकार सरकार के पास रखने जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि बीजेपी कहती है कि शराब घोटाला हुआ है, जो दस हज़ार करोड़ का घोटाला है. दरअसल, ये बीजेपी के मन का घोटाला है. बीजेपी के मानसिक तनाव के शिकार नेता बताएं कि दस रुपए की नकद राशि भी अगर सिसोदिया के यहां से मिली हो तो. 

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सिसोदिया का बंगला आतिशी को दिए जाने पर उन्होंने कहा कि ये तो एक कानूनी प्रक्रिया है. लेकिन मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि जैसे श्री राम के वनवास और दशरथ की मृत्यु के बाद भरत ने राम की खड़ाऊं रखकर शासन चलाया था, वैसे ही हमारे ये दोनों मंत्री मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन की अनुपस्थिति में काम करेंगे. 

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