'आंदोलन में किसानों की मौत का डेटा नहीं' वाले बयान पर सरकार चौतरफा घिरी

लोकसभा में दिए लिखित जवाब में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, "कृषि मंत्रालय के पास इस बारे में कोई रिकॉर्ड नहीं है. ऐसे में वित्तीय सहायता देने का सवाल नहीं उठता."

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
लोकसभा में सांसदों ने सवाल पूछा कि दिल्ली और एनसीआर में किसान आंदोलन के दौरान कितने किसानों की मृत्यु हुई?
नई दिल्ली:

दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 14 महीनों से जारी किसान संगठनों के विरोध प्रदर्शन के दौरान कितने किसानों की मृत्यु हुई? इसकी कोई जानकारी भारत सरकार के पास नहीं है. लोकसभा में कई सांसदों ने यह सवाल पूछा था कि दिल्ली और एनसीआर में किसान आंदोलन के दौरान कितने किसानों की मृत्यु हुई? किसानों के खिलाफ कितने मामले दर्ज किए गए? जिन किसानों की मृत्यु हुई है, क्या सरकार उनके परिवार जनों को वित्तीय सहायता देने पर विचार कर रही है?

लोकसभा में दिए लिखित जवाब में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, "कृषि मंत्रालय के पास इस बारे में कोई रिकॉर्ड नहीं है. ऐसे में वित्तीय सहायता देने का सवाल नहीं उठता." इस मसले पर सफाई देते हुए कैबिनेट मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने NDTV से कहा, "लोकल अथॉरिटी से रजिस्टर्ड डेथ के आंकड़े राज्य प्रशासन के पास भेजा जाता है और फिर वह केंद्र सरकार के पास पहुंचता है. यह डाटा गृह मंत्रालय के पास जमा होता है, इसमें आंकड़े छुपाने की बात नहीं है."

समाजवादी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने पुरुषोत्तम रुपाला के इस दलील को खारिज कर दिया है. रामगोपाल यादव ने NDTV से कहा, "आप जानते हैं इस सरकार के बयान सुन-सुनकर कान पक गए हैं. अब सरकार के बयान का कोई नोटिस नहीं लेता." वहीं, पंजाब कांग्रेस के नेता और राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने कहा है कि, "कृषि मंत्री का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है. प्रताप सिंह बाजवा ने NDTV से कहा, "कृषि मंत्री का जबाव दिखाता है कि सरकार कितनी असंवेदनशील है. सरकार के पास देश में 100 करोड़ से ज्यादा लोगों के वैक्सीनेशन के रिकॉर्ड हैं. लेकिन राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर कितने किसानों की मौत हुई, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. यह सरकार गवर्नेंस के काबिल नहीं है."

Advertisement

बीजेपी इस मसले पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ खड़ी है. बीजेपी के राज्यसभा सांसद हरदेव सिंह यादव ने NDTV से कहा, "कृषि मंत्री का जवाब वाजिब है. उन्होंने ठीक कहा है. सवाल यह है कि आंदोलन के दौरान ना कोई गोली कांड हुआ और ना ही लाठीचार्ज हुआ, फिर किसानों की मृत्यु कैसे हुई? इसकी बिना जांच के सरकार आंकड़े कैसे दे सकती है? किसान संगठन जो आंकड़े दे रहे हैं उस पर भी विचार करना होगा."

Advertisement
Featured Video Of The Day
RSS Chief Mohan Bhagwat और BJP के अलग-अलग बयानों की पीछे की Politics क्या है?