दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन कार्यक्रम चला रहे भारत टीकाकरण के बाद सभी गंभीर प्रतिकूल घटनाओं पर नजर रखे हुए हैं. देश के एक शीर्ष चिकित्सा संस्थान ने शनिवार को यह जानकारी दी.
दरअसल, रक्त का थक्का जमने के खतरे को देखते हुए कई देशों ने एस्ट्राजेनेका के टीके का इस्तेमाल रोक दिया है. हमारे पैनल कोविशील्ड और कोवैक्सिन (Covaxin) के सभी तरह की प्रतिकूल घटनाओं की लगातार निगरानी कर रहे हैं. कोवैक्सिन हैदराबाद स्थित कंपनी भारत बायोटेक ने तैयार की है. भारत के दवा महानियत्रक (Drugs Controller General of India) ने इसे जनवरी में आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी थी.
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के नेशनल टॉस्क फोर्स के सदस्य डॉ. एनके अरोरा ने कहा कि हम फिलहाल किसी विशेष वैक्सीन पर फोकस नहीं कर रहे हैं. जब कोई आकलन उपलब्ध होगा, अगर कोई चिंता की बात होगी तो उसकी जानकारी दी जाएगी. आईसीएमआर कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जंग में नोडल एजेंसी की भूमिका निभा रही है.
अरोरा ने कहा कि हम दोनों वैक्सीन की सभी तरह की प्रतिकूल घटनाओं (AEFI) पर नजर रखे हुए हैं. दो तरह की प्रतिकूल शारीरिक घटनाएं सामने आती हैं. एक सामान्य और एक गंभीर. गंभीर प्रतिकूल घटनाओं में अस्पताल में भर्ती कराने या मौत की घटनाएं होती हैं. हम सभी तरह के गंभीर प्रतिकूल प्रभावों पर नजर रखे हैं. लेडी हार्डिंग कॉलेज में न्यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. राजिंदर के धमीजा वैक्सीनेशन के लिए बनी AEFI कमेटी के सदस्य हैं.
NDTV को उन्होंने बताया कि हम बेहद कडडाई से सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं. जिला, राज्य से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक समितियां बनी हुई हैं. हमें अभी तक कोई बड़ा शारीरिक दुष्प्रभाव नहीं मिला है. इस तरह के 30 केस दुनिया भर में मिले हैं, लेकिन हमारे पास पूरा ब्योरा नहीं है. अभी यह चिंता की कोई बात नहीं है.