कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने आज गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर संसद के चालू सत्र में मणिपुर पर चर्चा की विपक्ष की मांग दोहराई. उनका पत्र शाह द्वारा विपक्ष से "अमूल्य सहयोग" मांगने और उसे पार्टी लाइनों से ऊपर उठने के लिए कहने के एक दिन बाद आया है. खरगे ने अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके शब्द संसद में सत्तारूढ़ दल के कार्यों से मेल नहीं खाते हैं.
खरगे ने पत्र में कहा, "हमें आपसे जो पत्र मिला है, वह तथ्यात्मक नहीं है... आपके पत्र के शब्दों और आपके कार्यों में स्पष्ट अंतर है. सरकार असहिष्णु लगती है और संसद में अपनी इच्छा थोप रही है."
उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर पर बयान दें, जिसके बाद संसद में चर्चा हो.
20 जुलाई को मानसून सत्र शुरू होने के बाद से संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही प्रभावित हुई है और विपक्षी दल मणिपुर में जारी हिंसा पर चर्चा की मांग कर रहे हैं.
हाल ही में 4 मई की घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद विपक्ष ने मणिपुर हिंसा पर सरकार को घेरने की कोशिश की है. वीडियो में दो महिलाओं को भीड़ निर्वस्त्र करके घुमाते हुए दिखाई दे रही है.
मणिपुर पुलिस ने वीडियो में दिख रहे कई आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने कहा कि थौबल जिले के नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन में अपहरण, सामूहिक बलात्कार और हत्या का मामला दर्ज किया गया है.
तीन मई को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से 150 से अधिक लोगों की जान चली गई है और कई घायल हुए हैं.