कांग्रेस नेता सलमान खर्शीद ने राहुल गांधी की तुलना भगवान राम से करने के अपने बयान पर सफाई दी है. उन्होंने कहा है कि तुलना नहीं जानता हूं, यह क्या होता है लेकिन मैं यह जानता हूं कि हमारे देश की एक सभ्यता है, एक सोच है कितने की बच्चों का नाम हम राम रखते हैं तो क्यों रखते हैं. हमने कभी किसी बच्चे का नाम रहीम नहीं सुना लेकिन हमने राम इस देश में बच्चों का नाम सुना है. इसलिए जिससे भी अपेक्षा होती है अच्छे काम की जिसको भी हम चाहते हैं कि वह सही राह पर चले और लोगों को सही राह दिखाए. हम उसको वही नाम देते हैं जिसका हम आदर करते हैं, सम्मान करते हैं पूजते हैं ,वही नाम दिया करते हैं.
कांग्रेस नेता ने कहा कि आप ये जानते हैं मुहावरा क्या होता है जब हम हे राम कहते हैं तो क्यों कहते हैं. जब हम कहते हैं कि राम और रहीम एक रहें तो हम क्यों कहते हैं. हम क्यों कहते हैं कि हम किसी के आभार में होते हैं तो हम उसे भगवान क्यों कहते हैं. हम क्यों कहते हैं कि हमारे जीवन में मुश्किलों को दूर करने के लिए तुम भगवान बनके आए हो. अगर इस सभ्यता को समझने का काम नहीं करेंगे तो हम विफल हो जाएंगे. भारत की सभ्यता को समझने का प्रयास करिए और जिस फीलिंग से मैंने इस बात को कहा है और सब लोग इस बात मानते हैं. यह बात मैं स्पष्ट कर दूं कि भगवान राम हों या कोई भी आस्था हो, कोई भी दायित्व हो यह किसी की मोनोपाली नहीं है. कोई नहीं कह सकता कि हिदू धर्म का मैं ही कर्ता-धर्ता हूं. हिंदू धर्म एक असीम धर्म है, एक व्यापक धर्म है, एक ऊंचा धर्म है और हिंदू धर्म के जो भगवान हैं उन पर पूरे देश की निष्ठा है.
गौरतलब है कि मुरादाबाद में खुर्शीद ने राहुल गांधी को भगवान राम बताते हुए कांग्रेसियों को भरत की संज्ञा दी थी. उन्होंने कहा था कि भगवान राम की खड़ाऊ बहुत दूर तक जाती है, तो कभी-कभी खड़ाऊ लेकर भी चलना पड़ता है. हमेशा भगवान राम नहीं पहुंच पाते हैं. भरत जी उनकी खड़ाऊ लेकर चलते हैं. खड़ाऊ लेकर हम उत्तर प्रदेश में चले हैं. उत्तर प्रदेश में खड़ाऊ पहुंच गई है तो राम जी भी पहुंचेंगे यह हमारा विश्वास है.
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