पंजाब के किसानों ने रबी फसलों की बिक्री के लिए सीधे अपने बैंक खातों में भुगतान प्राप्त किया

भारत सरकार की योजना एमएसपी पर मौजूदा आरएमएस में केंद्रीय पूल के लिए 427 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की है. बीते हफ्ते गेहूं की खरीद में तेजी आई.

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प्रतीकात्मक तस्वीर.
नई दिल्ली:

पहली बार पंजाब (Punjab) के किसानों ने अपनी रबी फसलों (Rabi crops) की बिक्री के लिए सीधे अपने बैंक खातों में भुगतान प्राप्त करना शुरू कर दिया है. पिछले एक हफ्ते में लगभग 202.69 करोड़ रुपये पंजाब के किसानों के खाते में पहले ही स्थानांतरित हो गए. मौजूदा रबी विपणन सत्र (आरएमएस) 2021-22 में, भारत सरकार मौजूदा मूल्य समर्थन योजना के अनुसार किसानों से रबी फसलों की एमएसपी पर खरीद करना जारी रखे हुए है. भारत सरकार की योजना एमएसपी पर मौजूदा आरएमएस में केंद्रीय पूल के लिए 427 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की है. बीते हफ्ते गेहूं की खरीद में तेजी आई. पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान और अन्य राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में गेंहू की खरीद का काम तेजी से चल रहा है.

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18 अप्रैल, 2021 तक राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में पिछले वर्ष की समान अवधि के दौरान 5.23 लाख मीट्रिक टन के मुकाबले 121.7 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं की खरीद की जा चुकी है. 18 अप्रैल, 2021 तक कुल 121.7 लाख मीट्रिक टन की खरीद में सबसे बड़ा योगदान हरियाणा- 44.8 लाख मीट्रिक टन (36.8 फीसदी), पंजाब- 41.8 लाख मीट्रिक टन (34.2 फीसदी) और मध्य प्रदेश- 28.5 लाख मीट्रिक टन (23.4 फीसदी) का है.

लगभग 11.6 लाख गेहूं किसान मौजूदा रबी विपणन सत्र में पहले ही लाभान्वित हो चुके हैं. किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 24,037.56 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है. पिछले हफ्ते के दौरान 92.47 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई है. इस साल सार्वजनिक खरीद के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा गया है. इसके तहत हरियाणा और पंजाब ने एमएसपी के अप्रत्यक्ष भुगतान के तरीके को बदलकर भारत सरकार के निर्देश के अनुरूप सभी खरीद एजेंसियों के माध्यम से किसानों के बैंक खाते में सीधे ऑनलाइन लाभ हस्तांतरित किया है.

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इससे पंजाब/हरियाणा के किसानों को बिना किसी देरी और कटौती के उनकी फसलों की बिक्री के लिए “एक राष्ट्र, एक एमएसपी, एक डीबीटी” के तहत पहली बार सीधा फायदा प्राप्त होने की खुशी मिल रही है.  18 अप्रैल, 2021 तक पंजाब में लगभग 202.69 करोड़ रुपये और हरियाणा में 1417 करोड़ रुपये सीधे किसानों के खाते में हस्तांतरित किए गए हैं.

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