तेलंगाना में सरकार और राज्यपाल का गतिरोध फिर आया सामने, राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए CM

उन्होंने राज्य के जिलों की अपनी यात्राओं के दौरान अधिकारियों के प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने की ओर इशारा करते हुए कहा कि राज्यपाल के पद का सम्मान होना चाहिए.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
नई दिल्ली:

तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति (BRS) की सरकार और राज्यपाल के बीच गतिरोध गुरुवार को एक बार फिर सामने आया जब मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने यहां राजभवन में गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में भाग नहीं लिया. तेलंगाना की राज्यपाल के रूप में 2019 में पदभार संभालने वाली तमिलिसाई सुंदराराजन राज्य सरकार पर प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने का आरोप लगाती रही हैं. उन्होंने राज्य के जिलों की अपनी यात्राओं के दौरान अधिकारियों के प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने की ओर इशारा करते हुए कहा कि राज्यपाल के पद का सम्मान होना चाहिए.

हालांकि, सत्तारूढ़ बीआरएस ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि राज्यपाल बनने से पहले सुंदराराजन तमिलनाडु में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अध्यक्ष थीं. गणतंत्र दिवस पर ऐसे समारोह एवं अन्य ऐसे कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री के शामिल होने के संदर्भ में संविधान क्या कहता है, इस बारे में जब कानूनी विशेषज्ञ और पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त एम श्रीधर आचार्युलू से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ये परिपाटियां होती हैं, जिनका पालन सभी को करना चाहिए और समारोह की गरिमा बनाकर रखनी चाहिए. पिछले साल भी विवाद उत्पन्न हो गया था जब विधानसभा में राज्यपाल का परंपरागत अभिभाषण नहीं हुआ था.

सुंदराराजन ने राजभवन में उनके द्वारा आयोजित परंपरागत एट होम समारोह में मुख्यमंत्री के शामिल नहीं होने पर निराशा प्रकट की थी. राज्यपाल ने पिछले साल संदेह प्रकट किया था कि उनके फोन टैप किये जा रहे हैं.

इस बीच मुख्यमंत्री राव ने यहां अपने शिविर कार्यालय-सह-सरकारी आवास प्रगति भवन पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया और महात्मा गांधी तथा बी आर आंबेडकर को पुष्पांजलि अर्पित की. यह जानकारी एक सरकारी विज्ञप्ति में दी गई.

Featured Video Of The Day
Mokama Murder का Bihar Election पर कैसे पड़ेगा असर? Anant Singh समेत अन्य बाहुबलियों की जंग से हड़कंप
Topics mentioned in this article