कर्नाटक में पांच बाघों की मौत से उठा पर्दा, वजह जानकर आप भी रह जाएंगे दंग

आपको बता दें कि वन विभाग ने पहले कहा था कि ये एक सुनियोजित हत्या लग रही है. उनकी टीमों ने मौके पर साक्ष्य एकत्र किए हैं और जहर के नमूनों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है.

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कर्नाटक में बाघों को जहर देकर मारा गया

कर्नाटक के चामराजनगर  के एम एम हिल्स वाइल्डलाइफ सेंचुरी के हूग्यम रेंज  में पांच बाघों की रहस्यमयी मौत के मामले में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. प्रारंभिक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, इन बाघों की मौत जहर दिए जाने के कारण हुई है. घटना 26 जून को गजनूर बीट क्षेत्र के कंपार्टमेंट नंबर 117 में सामने आई, जिसने वन्यजीव संरक्षण से जुड़ी एजेंसियों और पर्यावरण प्रेमियों को हिला दिया है.

इस घटना को वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 और कर्नाटक वन अधिनियम, 1969 के तहत एक गंभीर अपराध मानते हुए, होग्यम रेंज के अधिकार क्षेत्र में WLOR संख्या 02/2025-26 के तहत मामला दर्ज किया गया है. जांच के बाद तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान कोनप्पा, मदाराजू , नागराज के रूप में हुई है. 

पुलिस की शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि आरोपी किसानों में से एक की गाय को एक बाघिन और उसके शावकों ने मार डाला था. गुस्से में आकर, आरोपियों ने बाघिन और शावकों को जहरीला मांस खिलाकर मार डाला. हालांकि इसकी अभी अभी आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन वन विभाग इसकी हर कोण से जांच कर रहा है.

आपको बता दें कि वन विभाग ने पहले कहा था कि ये  एक सुनियोजित हत्या लग रही है. उनकी टीमों ने मौके पर साक्ष्य एकत्र किए हैं और विषाक्त नमूनों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है. यदि यह मामला पूरी तरह से पुष्टि हो जाता है, तो यह कर्नाटक के वन्यजीव इतिहास का सबसे दुखद और भयावह मामला होगा.

बाघ भारत के राष्ट्रीय पशु हैं और इनकी घटती संख्या पहले से ही चिंता का विषय है. विश्व प्रकृति निधि (WWF) के अनुसार, भारत में बाघों की आबादी विश्व की सबसे बड़ी है, लेकिन मानव-वन्यजीव संघर्ष इनकी सुरक्षा में सबसे बड़ी बाधा बनकर उभर रहा है. विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में जब बाघ मवेशियों को मारते हैं, तब जवाब में की गई प्रतिक्रिया कई बार विनाशकारी साबित होती है.

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