कांग्रेस के पूर्व नेता और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने आरोप लगाया है कि राहुल गांधी अपनी चुनावी रैलियों में चीन के संविधान को दिखा रहे हैं. 55 वर्षीय हिमंता बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को एक्स पर एक पोस्ट किया, "भारत के संविधान की मूल प्रति पर नीला कवर है. चीन के मूल संविधान पर लाल कवर है. क्या राहुल के पास चीन का संविधान है? हमें सत्यापित करने की आवश्यकता होगी." मुख्यमंत्री के पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए, कई सोशल मीडिया यूजर्स ने कहा कि लाल संविधान एक कोट पॉकेट संस्करण है, जिसे राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री सहित शीर्ष भारतीय नेताओं को प्रस्तुत किया गया है. भ्रामक पोस्ट के लिए सोशल मीडिया पर आलोचना किए जाने के बावजूद शनिवार को मुख्यमंत्री ने अपने बयान को दोहराया.
हिमंता बिस्वा सरमा ने आज ट्वीट किया, "राहुल अपनी बैठकों में भाग लेने वाले लोगों को लाल चीनी संविधान दिखा रहे हैं. हमारे संविधान में नीले रंग में राज्य नीति के Directive Principles of State Policy नामक एक अध्याय शामिल है, जो हमारे देश में समान नागरिक संहिता लागू करना एक पवित्र कर्तव्य बताता है; राहुल अब इसका विरोध कर रहे हैं. इसलिए मुझे यकीन है कि उनके हाथ में चीन का संविधान है.''
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने इस पर ट्वीट करते हुए लिखा, "हिमंता भाई, जब से भाजपा में गए हो, बहकी-बहकी बातें करने लगे हो". इसके साथ ही उन्होंने पीएम मोदी और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की फोटो शेयर की है. इसमें दोनों लाल रंग के संविधान को लिए हुए हैं.
बदरुद्दीन अजमल के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) पार्टी के एक विधायक ने मुख्यमंत्री द्वारा पहने गए "लाल गमछा" की ओर इशारा किया. एआईयूडीएफ के विधायक हाफिज रफीकुल इस्लाम ने एनडीटीवी से कहा, "भारतीय संविधान का कोई निश्चित रंग नहीं है. मुख्यमंत्री भी लाल गमछा पहनते हैं, क्या यह भी चीन का है. यह सही पोस्ट नहीं है."
कांग्रेस विधायक अब्दुल रशीद मोंडल ने कहा, "संविधान में कई रंग हैं, लेकिन अंदर की सामग्री एक ही है... हम रंग नहीं पढ़ते हैं बल्कि देखते हैं कि अंदर क्या है. रंग किसी उद्देश्य का समर्थन नहीं करते हैं." ताजा विवाद संविधान को लेकर चल रही तीखी बहस के बीच आया है. कांग्रेस आरोप लगा रही है कि भाजपा ने "400 पार" जीत का विशाल लक्ष्य इसलिए रखा है कि वह संविधान को बदलने की योजना बना रही है. हालांकि भाजपा का कहना है कि कोई भी सरकार संविधान को नहीं बदल सकती.