राजस्थान के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद के बीच देश में लोकतांत्रिक संस्थानों की हालत को लेकर चिंता जताई है. उन्होंने शनिवार को कहा कि संकट यह नहीं है कि सीमा पर युद्ध होने को है, संकट ये है कि हमारा देश आखिर किस दिशा में जा रहा है. ये एक बड़ी चिंता की तरह है. आज देश में लोकतांत्रिक संस्थानों को जानबूझकर कमजोर किया जा रहा है.
अशोक गहलोत ने आगे कहा कि आज आप देश में ED,आयकर विभाग और CBI जैसे संस्थानों की हालत को देखिए. ऐसा लग रहा है जैसे जानबूझकर इनका गलत तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है. यहां तक कि सरकार तो न्यायपालिका पर भी दबाव बना रही है. चुनाव आयोग जैसी संस्था भी आज के समय स्वतंत्र रूप से काम नहीं कर पा रही. क्या आपने कभी सोचा कि आखिर चुनाव आयोग ने हिमाचल प्रदेश और गुजरात में अलग-अलग समय पर चुनाव क्यों करवाए. इन चुनावों को पहले एक साथ कराया जाता था लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ है. कांग्रेस इन दोनों राज्यों में अलग-अलग समय पर चुनाव कराने के खिलाफ आवाज भी उठाई थी लेकिन आयोग ने एक नहीं सुनी. देश में जिस तरह का संकट पैदा हो रहा है वो इसे खोखला कर देगा.
बता दें कि कुछ दिन पहले ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने अरुणाचल प्रदेश में चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद को लेकर एक बड़ा बयान दिया था. राहुल ने कहा था कि चीन युद्ध की तैयारी कर रहा, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रशासन इसे स्वीकार नहीं कर रहा. अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में दोनों देशों के सैनिकों के आमने-सामने आने के हालिया घटनाक्रम के बाद राहुल गांधी ने ये बातें कही.
'भारत जोड़ो यात्रा' पर निकले राहुल गांधी ने कहा था कि चीन युद्ध की तैयारी कर रहा है, घुसपैठ की नहीं. उनके हथियारों का पैटर्न देखें. वे युद्ध की तैयारी कर रहे हैं. हमारी सरकार इसे स्वीकार नहीं कर रही है. भारत सरकार रणनीति पर नहीं, घटनाओं पर काम कर रही है.
उन्होंने कहा था कि ने हमारी जमीन ले ली है. वे सैनिकों पर हमले कर रहे हैं. चीन का खतरा स्पष्ट है. सरकार इसे अनदेखा कर रही है. चीन लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में हमले की तैयारी कर रहा है. भारत सरकार सो रही है. राहुल गांधी राजस्थान के दौसा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ 'भारत जोड़ो यात्रा' के एक पड़ाव पर बोल रहे थे.