राजनीति में भले ही लोगों को उनके भारी-भरकम नाम से जाना जाता हो, लेकिन पंजाब में होने वाले लोकसभा चुनावों में कुछ बड़े-बड़े नेताओं के उपनाम भी चर्चा का विषय बने हुए हैं और आलम यह है कि कुछ राजनेताओं के नाम पर तो नारे भी तैयार हो चुके हैं. राज्य में एक जून को होने वाले आम चुनाव में कुछ प्रमुख उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं और इनमें से कुछ के उपनाम वाकई में लोगों के बीच चर्चा का विषय बने हुए हैं, जिनमें चन्नी, बिट्टू, टीनू, काका, पप्पी, शैरी, राजा, रिंकू और मीत जैसे उपनाम शामिल हैं.
जालंधर (सुरक्षित) संसदीय सीट से चुनाव लड़ रहे कांग्रेस उम्मीदवार चरणजीत सिंह 'चन्नी' का मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सुशील कुमार 'रिंकू', आम आदमी पार्टी (आप) के पवन कुमार 'टीनू' और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के मोहिंदर सिंह केपी से है. चन्नी के चुनाव प्रचार के दौरान लग रहे नारों में से एक है, 'जालंधर शहर, चन्नी दी लहर' (जालंधर शहर, चन्नी की लहर). पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके चन्नी ने 2022 में चमकौर साहिब और भदौर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हें दोनों ही सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था.
कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग लुधियाना लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं. सिंह के प्रचार अभियान के दौरान एक नारा जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है वह है 'तुहाडा राजा, तुहाडे संग' (तुम्हारा राजा तुम्हारे संग). वडिंग मुक्तसर जिले की गिदड़बाहा विधानसभा सीट से विधायक हैं. जालंधर लोकसभा सीट से 'आप' प्रत्याशी पवन कुमार टीनू चुनाव मैदान में हैं. टीनू के फेसबुक पोस्ट पर प्रतिक्रिया खंड में उनके एक समर्थक ने लिखा, 'साडा टीनू, जालंधन दा टीनू' (हमारा टीनू, जालंधर का टीनू).
'आप' ने लुधियाना संसदीय सीट से स्थानीय विधायक अशोक पाराशर पप्पी को उम्मीदवार बनाया है. उनके समर्थकों ने नारा बनाया है, 'बिट्टू ते राजा गप्पी, जीतूगा साड्डा पप्पी' (भाजपा के रवनीत बिट्टू और कांग्रेस के राजा वाडिंग डींगे हांकने वाले हैं, जीतेगा तो हमारा पप्पी). लुधियाना लोकसभा सीट पर पप्पी का मुकाबला बिट्टू और वडिंग से है.
अरविंद केजरीवाल नीत पार्टी का गढ़ माने जानी वाली संगरूर लोकसभा सीट से मंत्री एवं 'आप' उम्मीदवार गुरमीत सिंह मीत हेयर चुनाव लड़ रहे हैं. हेयर ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा कि जल्द ही 'मीत एंथम' जारी किया जाएगा. उनके एक प्रशंसक ने लिखा, 'जीतेगा मीत, जीतेगा संगरूर'.