सावरकर पर हुए विवाद को लेकर कांग्रेस से गठबंधन तोड़ सकते हैं ठाकरे, टीम उद्धव के नेता ने दिया संकेत

नए घटनाक्रम के तहत टीम ठाकरे इस बयान के बाद अब कांग्रेस से अपना गठबंधन तोड़ने पर विचार कर सकती है. NDTV से खास बातचीत के दौरान टीम उद्धव के नेता अरविंद सावंत ने इस ओर इशारा किया है. 

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टीम ठाकरे के नेता ने किया दिया संकेत

नई दिल्ली:

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के वीर सावरकर को लेकर दिए बयान पर महाराष्ट्र में राजनीति चरम पर है. नए घटनाक्रम के तहत टीम ठाकरे इस बयान के बाद अब कांग्रेस से अपना गठबंधन तोड़ने पर विचार कर सकती है. NDTV से खास बातचीत के दौरान टीम उद्धव के नेता अरविंद सावंत ने इस ओर इशारा किया है. उन्होंने कहा कि वीर सावरकर को लेकर जो कुछ भी राहुल गांधी ने कहा, हम उससे सहमत नहीं है. हम वीर सावरकर की बहुत इज्जत करते हैं, ऐसे में उनके खिलाफ कुछ भी ऐसा सुनना हमे पसंद नहीं है. क्या राहुल गांधी के इस बयान का असर अब महाराष्ट्र में उनके गठबंधन पर पड़ेगा के सवाल पर सावंत ने कहा कि ये मुझे नहीं पता. हालांकि, ये तय पार्टी के शीर्ष नेताओं को करना है.

हालांकि, सावंत ने आगे कहा कि मुझे नहीं पता कि कुछ लोग ये सवाल कुछ उठा रहे हैं कि क्या हम कांग्रेस से गठबंधन से अलग हो जाएंगे. मैं आपको बता दूं कि ये वही लोग हैं जिन्होंने जम्मू-कश्मीर में पीडीपी के साथ अपना गठबंधन बनाया था. पीडीपी वही पार्टी है जो वंदे मातरम गाने में हिचकती है. ये लोग दोहरे चरित्र के हैं. इस पूरे मामले को लेकर उद्धव जी और संजय राउत जी ने बयान दिया है. हम ऐसे तो आगे नहीं चल सकते ना. क्या हमे आगे गठबंधन में रहना है या नहीं ये निर्णय तो उद्धव ठाकरे का होगा. निर्णय लिया जाएगा लेकिन हमे जल्दी नहीं है. समय आएगा तो हर वो चीज की जाएगी जिसकी जरूर लगे. 

हमने बीते आठ से दस साल में कई बार लोकसभा में इस बात की मांग की है कि वीर सावरकर को भारत रत्न से नवाजा जाए. हम अभी भी अपनी उस मांग पर अडिग हैं. मैं बीते दिनों जो हुआ उसे लेकर एक बार फिर ये कहना चाहता हूं कि हमारे नेता उद्धव ठाकरे हैं और वो आगे आकर इस मुद्दे पर कोई ना कोई निर्णय जरूर लेंगे. 

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बता दें कि बीते दिनों कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के अकोला में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान अपनी टिप्पणी पर टिके रहने की बात कही थी. और सावरकर द्वारा लिखी गई दया याचिका की प्रति भी दिखाई. उस वक्त राहुल गांधी ने कहा था कि "सावरकर जी ने इसमें लिखा है, 'मैं प्रार्थना करता हूं, सर, मैं सदा आपका आज्ञाकारी सेवक बना रहूंगा...' जब उन्होंने इस खत पर दस्तखत किए, क्या वजह थी...? वह डर था... वह अंग्रेज़ों से डरते थे..." सहयोगी दलों से इस मुद्दे पर मतभेद को लेकर राहुल गांधी ने कहा, "अगर कोई अपनी विचारधारा आगे रखना चाहता है, तो उन्हें ऐसा करना ही चाहिए..."

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राहुल गांधी ने कहा था कि "इस खत पर दस्तखत करने की वजह से सावरकर जी के बारे में मेरे विचार ऐसे हैं..." उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और वल्लभभाई पटेल ने सालों जेल में बिताए, लेकिन "उन्होंने कभी ऐसे खत पर दस्तखत नहीं किए..." राहुल गांधी ने कहा, "ये दो अलग-अलग विचारधाराएं हैं... हमारी पार्टी में चर्चा की अनुमति है... हमारे यहां कोई तानाशाह नहीं है...".

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