महाविकास आघाड़ी सरकार पर छाए संकट के बीच एनडीटीवी ने महाराष्ट्र विधानसभा (Maharashtra Legislative Assembly) के पूर्व प्रिंसिपल सेक्रेटरी डॉक्टर अनंत कलसे (Anant Kalse) से बात की. साथ ही जानने की कोशिश की कि इस सियासी संकट के कितने पहलू हो सकते हैं और दोनों गुटों के पास क्या विकल्प हो सकते हैं? इस पर कलसे ने बताया कि एकनाथ शिंदे के बागी विधायकों के पास सबसे पहला आसान रास्ता राज्यपाल को पत्र देकर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना और विधानसभा में अपना बहुमत साबित करना है. दूसरा रास्ता चुनाव आयोग में जाकर अपने विधायक दल के लिए मान्यता लेना है, लेकिन ये बहुत पेचीदगी भरा काम है और इसमें काफी वक्त लग सकता है.
विधायकों की बर्खास्तगी पर क्या होगा?
बारह विधायकों की बर्खास्तगी का मामला डिप्टी स्पीकर के पास है, लेकिन उसके लिए पहले उन्हें सभी दस्तावेज मंगाना होगा. सभी 12 विधायकों को नोटिस देनी होगी. उनके जवाब आने के बाद फैसला लेना होगा. लेकिन इसमें एक पहलू है कि चीफ व्हिप सिर्फ विधानसभा सत्र के लिए लागू होता है तो उसमे डिप्टी स्पीकर के फैसले के बाद मामला बाद में कोर्ट में जाने का खतरा है. जब तक डिप्टी स्पीकर के पास मामला लंबित रहेगा तब तक सभी 12 विधायक बने रहेंगे.मतलब उनका वोटिंग राइट बना रहेगा. इसलिए अभी फिलहाल ये बहुत बड़ी बाधा नहीं है.अब रही बात चीफ व्हिप और विधायक दल का नेता बदलने की तो जब तक बागी विधायकों को चुनाव आयोग की मान्यता नहीं मिलती तब तक उनके बहुमत का कोई मतलब नहीं है.
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पुलिस कमिशनर संजय पांडेय मातोश्री पहुंचे
महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट के बीच पुलिस कमिशनर संजय पांडेय मातोश्री पहुंचे हैं और उद्धव ठाकरे से मुलाक़ात कर रहे हैं. 6 दिनों बाद 30 जून को संजय पांडेय रिटायर हो रहे हैं. ऐसे समय पर नया पुलिस कमिशनर भी चुनना है. ठाकरे सरकार चाहती है कि अगला पुलिस आयुक्त को भी MVA सरकार ही चुने. वहीं महाराष्ट्र में राजनीतिक हलचल के बीच संजय पांडेय ने कोरोना का हवाला देते हुए उमंग कार्यक्रम रद्द कर दिया है.
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