नेशनल इंवेस्टिगेशन एंजेसी (NIA) ने आतंकवाद के टेरर फंडिंग मामले में प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी (Jamaat-e-Islami) के सदस्यों के खिलाफ जम्मू और डोडा जिलों में कई स्थानों पर सोमवार को छापेमारी की. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि दोनों जिलों के विभिन्न हिस्सों में सोमवार तड़के जमात-ए-इस्लामी के पदाधिकारियों तथा सदस्यों के करीब सात परिसरों पर एक ही समय पर छापेमारी की गई. एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘एनआईए ने जेईआई से संबंधित मामले में डोडा में छह संदिग्धों और जम्मू में एक के परिसरों में छापे मारे, जो 2019 में एक गैरकानूनी संगठन घोषित होने के बाद भी कथित धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए विभिन्न रूपों में धन जुटाना जारी रखे हुए है.''
एनआईए ने कहा कि छापेमारी में संबंधित साहित्य, जेईआई द्वारा जुटाए गए धन की प्राप्ति रसीद, बैंक और संपत्ति से संबंधित दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद हुए. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि डोडा जिले में धारा-गुंडाना, मुंशी मोहल्ला, अकरमबंद, नगरी नई बस्ती, खरोती भगवाह, थलेला और मालोती भल्ला और जम्मू के भटिंडी में छापेमारी की गई. उन्होंने बताया कि आतंकवाद (Terrorism) के वित्त पोषण के मामले में छापेमारी की गई. एनआईए द्वारा पांच फरवरी 2021 को स्वत: संज्ञान लेकर दर्ज किया गया यह मामला कुछ जेईआई सदस्यों की गतिविधियों से संबंधित है, जो देश-विदेश से दान, विशेष तौर पर जकात के रूप में कल्याणकारी कामों के लिए चंदा इकट्ठा कर रहे थे लेकिन इस धन का इस्तेमाल कथित तौर पर ‘‘हिंसक और अलगाववादी गतिविधियों'' के लिए कर रहे हैं.
एनआईए के अनुसार, संगठन द्वारा जुटाई गई धनराशि जमात-ए-इस्लामी के सुव्यवस्थित नेटवर्क के माध्यम से हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा जैसे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों को भी पहुंचाई जा रही थी. एनआईए ने कहा, 'जेईआई कश्मीर के प्रभावशाली युवाओं को भी प्रेरित कर रहा है और विघटनकारी अलगाववादी गतिविधियों में शामिल होने के लिए केंद्र शासित प्रदेश में नये सदस्यों की भर्ती कर रहा है.'' गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने आतंकवादी संगठनों से ‘‘निकट संबंधों'' और जम्मू-कश्मीर में ‘‘अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा देने'' का हवाला देते हुए फरवरी 2019 में जेईआई पर पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया था.