दिल्ली में इस शनिवार को लोकसभा चुनाव के लिए अब तक के सबसे गर्म दिनों में एक में मतदान होने की संभावना है. सफदरजंग और पालम के लिए आईएमडी के पूर्वानुमान के मुताबिक, 25 मई को 46 डिग्री सेल्सियस तक तापमान पहुंच सकता है. इसका मतलब है कि राजधानी क्षेत्र में बहुत अधिक लू चलने की संभावना है.
भयंकर गर्मी में दूसरी बार लोकसभा चुनाव के लिए मतदान
1977 से पहले दिल्ली में सभी आम चुनाव फरवरी-मार्च में होते थे और उस वक्त राष्ट्रीय राजधानी का मौसम काफी सुहाना रहता है. इस साल मतदान के दिन अत्यधिक गर्मी होने की संभावना तो है ही लेकिन वर्तमान में मतदाताओं को गर्मी की अवधि भी प्रभावित कर सकती है. अगर आईएमडी का पूर्वानुमान सटीक साबित होता है, तो 25 मई को राजधानी में 42+ तापमान का लगातार 9वां दिन होगा, जो कम से कम छह वर्षों में मई में सबसे लंबी अवधि होगी.
आईएमडी ने दिल्ली के साथ-साथ हरियाणा में भी, जहां उसी दिन मतदान होगा में शुक्रवार से रविवात तक अत्यधिक तापमान की संभावना के चलते रेड अलर्ट जारी किया है. पूर्वानुमान के अनुसार, शहर का तापमान गुरुवार से बढ़ना शुरू होने की संभावना है, जब अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है, जो शुक्रवार को बढ़कर 45 डिग्री और शनिवार और रविवार को 46 डिग्री तक पहुंच जाएगा.
आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने कहा, "दो मौसम संबंधी कारक क्षेत्र में तापमान बढ़ा रहे हैं. एक तो दक्षिण-पश्चिम एमपी पर एक एंटी-साइक्लोनिक सर्कुलेशन के कारण वायुमंडलीय गिरावट, जिसके कारण भूमि की सतह पर हवा संकुचित हो जाती है और गर्म हो जाती है. दूसरा कारक बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक दबाव है, जो 25 मई तक चक्रवात में तब्दील हो सकता है. यह प्रणाली हवा को अपनी ओर खींच रही है, जिसके परिणामस्वरूप गर्म उत्तर-पश्चिमी हवाएं दिल्ली क्षेत्र में आ रही हैं."
यह दूसरी बार है जब 16 मई से 9 जून की चरम गर्मी की अवधि के दौरान राजधानी में आम चुनाव हो रहे हैं. पिछला उदाहरण 1991 में था, जब मतदान 20 मई को हुआ था. हालांकि, रिकॉर्ड के अनुसार, उस वक्त का रिकॉर्ड तापमान 36.5 डिग्री सेल्सियस था.
मौसम, मतदान को प्रभावित करने वाले कई कारकों में से एक है. हालांकि, अगर कोई ऐसा चुनाव है जहां गर्मी ने मतदान को कम करने में भूमिका निभाई है, तो वह दिल्ली में आखिरी लोकसभा चुनाव (2019) है. 12 मई 2019 को आयोजित हुए लोकसभा चुनाव के दौरान 41 डिग्री सेल्सियस तापमान था और उस वक्त दिल्ली एनसीआर में 60.6% मतदान हुआ था. इससे पहले 2014 में 10 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के लिए मतदान हुआ था और उस वक्त दिल्ली का तापमान 32 डिग्री सेल्सियस था. तब कुल 65.1% मतदान हुआ था.
यहां देखें 1977 से अब तक दिल्ली-एनसीआर में वोटिंग के दिन कितना रहा तापमान-
साल | वोटिंग डेट | मतदान प्रतिशत | अधिकतम तापमान |
1977 | 16 मार्च | 71.3 | 34 |
1980 | 3 जनवरी | 64.9 | 12 |
1984 | 24 दिसंबर | 64.5 | 25.3 |
1989 | 22 नवंबर | 54.3 | 29.6 |
1991 | 20 मई | 48.5 | 36.5 |
1996 | 27 अप्रैल | 50.6 | 38 |
1998 | 16 फरवरी | 51.3 | 27.8 |
1999 | 5 सितंबर | 43.5 | 32.4 |
2004 | 10 मई | 47.1 | 41.4 |
2009 | 7 मई | 51.9 | 38.5 |
2014 | 10 अप्रैल | 65.1 | 32 |
2019 | 12 मई | 60.6 | 41 |
रेड अलर्ट को लेकर मौसम विभाग की सलाह
मौसम विभाग ने दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते तापमान देखते हुए बुजुर्गों और बच्चों को घर में रहने की ही सलाह दी है. साथ ही दिन में 12 बजे से शाम 4 बजे तक किसी को भी घर से बाहर न निकलने की भी सलाह दी है. ऐसे में अगर आप दिन के वक्त या फिर दोपहर में वोट देने के लिए जाते हैं तो अपने पास पानी की बोतल और साथ में एक छतरी जरूर रखें. इसके साथ ही चुनाव आयोग को भी सभी पोलिंग बूथों पर पानी और पंखों आदि का इंतजाम करना चाहिए.