"मेरी मां से कहना, अगले जन्म में उनकी कोख से ही पैदा होऊंगा" : सुरंग में फंसने पर अपने साथी से बोला मजदूर

मध्यप्रदेश गृह विभाग के अपर प्रमुख सचिव ने बताया कि कटनी जिले में स्लीमनाबाद के नजदीक सुरंग धंसने की यह घटना बरगी नहर परियोजना के अंतर्गत भूमिगत नहर के निर्माण कार्य के दौरान शनिवार देर रात को हुई.

विज्ञापन
Read Time: 25 mins
सात मजदूरों को अब तक सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है और वे सभी खतरे से बाहर हैं
कटनी (मप्र):

मध्यप्रदेश के कटनी जिले में स्लीमनाबाद के नजदीक एक निर्माणाधीन सुरंग के अचानक धंसने से इसके मलबे से सुरक्षित बचाये गये मजदूर मोतीलाल कोल ने कहा कि उसने जीवित बाहर निकलने की सभी उम्मीदें छोड़ दी थी और मलबे में नीचे फंसे एक अन्य मजदूर से कहा था कि यदि वह मर जाता है तो उसकी मां को ढाढ़स बंधवाना और उसे शांत रहने को कहना. कोल ने रविवार को कटनी जिला अस्पताल में ‘पीटीआई-भाषा' से बातचीत में रूंधे गले से कहा, ‘‘मैंने अपने दोस्त नंदकुमार यादव से कहा था कि वह मेरी मां को बताए कि मैं अगले जन्म में उनकी कोख से ही पैदा होऊंगा.'' कोल का अस्पताल में इलाज चल रहा है.

शनिवार को सुरंग धंसने की इस घटना को याद करते हुए मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले के निवासी कोल (30) ने कहा, ‘‘शाम करीब सात बजे मैं एवं मेरे साथी सुरंग के अंदर थे और सुरंग के ऊपर जमीन पर जो लोग काम कर रहे थे, वे मजदूरों को भागने के लिए कह रहे थे. इसी बीच सुरंग धंसने लगी.''

Tunnel Accident: नर्मदा घाटी परियोजना की सुरंग धंसी, कई मजदूरों के दबे होने की आशंका

उन्होंने कहा कि यह देख मैं एवं मेरे साथी भी अपने-अपने को बचाने के लिए दीवार की तरफ भागे, ताकि उसकी आड़ में बच जायें. कोल ने बताया कि पल भर में ही इस सुरंग का एक हिस्सा धंस गया. मुझे और यादव को लगा कि अब हम जीवित नहीं बचेंगे. इसी दौरान, ऊपर जमीन पर मौजूद लोगों ने हमसे पूछा कि क्या तुम्हें पीने के लिए पानी की जरूरत है? लेकिन मैंने पानी के लिए मना कर दिया और उनसे अनुरोध किया कि सुरंग में ऑक्सीजन भेजो.

Advertisement

कोल ने कहा कि रविवार तड़के करीब चार बजे हम दोनों को एक-एक कर बचा लिया गया. सिंगरौली के रहने वाले यादव (32) ने कहा कि जब मैं सुरंग में फंसा हुआ था, तब मुझे लग रहा था कि मैं अब बच नहीं पाऊंगा. जीवित बचे विजय कोल (35) और इंद्रमणी कोल (30) ने भी इसी तरह के अनुभव साझा किया. चारों जीवित बचे लोगों ने कहा कि उन्होंने सुरंग के अंदर फंसे होने के दौरान एक-दूसरे को ढाढ़स बंधाने की कोशिश की.

Advertisement

लालकिले तक जाने वाली ऐतिहासिक खुफिया सुरंग मिली, स्वतंत्रता सेनानियों को यहीं से ले जाते थे अंग्रेज़

इन चार लोगों के अलावा, तीन अन्य लोगों को भी अब तक सुरक्षित बचाया गया है, जबकि सुरंग में दो मजदूर सिंगरौली जिले के गोरेलाल कोल और महाराष्ट्र के नागपुर के रवि (सुपरवाइजर) अब भी फंसे हुए हैं तथा दोनों से संपर्क नहीं हो पाया है.
बचाये गये मजदूरों ने कहा कि उन्होंने गोरे लाल और रवि की आवाज सुरंग के अंदर नहीं सुनी. मध्यप्रदेश गृह विभाग के अपर प्रमुख सचिव राजेश राजोरा ने ‘भाषा' को बताया कि कटनी जिले में स्लीमनाबाद के नजदीक सुरंग धंसने की यह घटना बरगी नहर परियोजना के अंतर्गत भूमिगत नहर के निर्माण कार्य के दौरान शनिवार देर रात को हुई.

Advertisement

उन्होंने कहा कि सात मजदूरों को अब तक सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है और वे सभी खतरे से बाहर हैं तथा स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं. सुरंग में दो मजदूर गोरेलाल कोल और रवि (सुपरवाइजर) अब भी फंसे हुए हैं तथा दोनों से संपर्क नहीं हो पाया है. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) एवं राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) सुरंग में फंसे हुए इन दो मजदूरों को बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. राजोरा ने बताया कि वह भोपाल में वल्लभ भवन स्थित कक्ष से बचाव कार्य की चौबीसों घंटे निगरानी कर रहे हैं.

Advertisement

MP: नर्मदा घाटी परियोजना की सुरंग में हादसा, सात मजदूरों को सुरक्षित निकाल, दो अब भी फंसे | पढ़ें

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Gujarat: पोरबंदर के समंदर में ATS और NCB का बड़ा ऑपरेशन, 500 किलो ड्रग्स बरामद