तेलंगाना के एक सरकारी अस्पताल में लापरवाही का सनसनीखेज मामला सामने आया है. अस्पताल में एक मरीज की चूहों ने उंगलियां, हाथ और पैर कुतर दिए. यह घटना वारंगल के एमजीएम अस्पताल की आईसीयू में हुई, जो राज्य के प्रमुख सरकारी अस्पतालों में से एक है. 38 वर्षिय श्रीनिवास को चूहों ने हाथों और पैरों पर काट लिया था. बाद में उसे दिल का दौरा पड़ा और उसकी मृत्यू हो गई. श्रीनिवास का सांस और गुर्दे से संबंधित बीमारियों का इलाज चल रहा था और पहले से ही उसकी हालत गंभीर थी. हांलाकि मौत का कारण अभी साफ नही हुआ है.
निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के निदेशक डॉ के मनोहर ने एनडीटीवी को बताया कि श्रीनिवास का पुरानी शराब का इतिहास था. उनका लीवर अग्न्याशय और गुर्दे बुरी तरह प्रभावित थे. वह पहले से ही वेंटिलेटर पर थे और उन्हें पहले भी दो बार दिल का दौरा पड़ा चुका था जिसके बाद उसे एमजीएम अस्पताल में दाखिल कराया गया था.
डॉ के मनोहर ने बताया कि निम्स लाने के दौरान रास्ते में ही श्रीनिवास को दिल का दौरा पड़ गया था और मरीज का रक्तचाप भी सामान्य से बहुत अधिक था. उन्होंने कहा. "मौत इन जटिलताओं के कारण हुई, चूहे के काटने से नहीं," उन्होंने कहा तेलंगाना के सबसे प्रतिष्ठित सरकारी अस्पतालों में से एक एमजीएम अस्पताल की स्थिति से मरीज और जनता नाराज और हैरान हैं.
वही, श्रीनिवास के भाई श्रीकांत ने कहा कि बिस्तर पर खून देखकर मैं चौंक गया. चूहों ने उसकी उंगलियां, हाथ और पैर कुतर दिए. जब उसने अस्पताल के कर्मचारियों को सूचना दी तो उन्होंने उससे पूछा कि वह क्या कर रहा था. उन्होंने कहा कि हम यहां कुछ राहत की उम्मीद में आए हैं, लेकिन खून की कमी से उनकी हालत और खराब हो गई है. कुछ स्टाफ सदस्यों ने उन्हें बताया कि पहले भी ऐसी घटनाएं हुई हैं और उन्होंने आवश्यक कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों को लिखित शिकायत दी है.
इस चौंकाने वाली घटना के बाद विभाग के आईसीयू प्रमुख को निलंबित कर दिया गया है और अस्पताल अधीक्षक का तबादला कर दिया गया. साथ ही दो ड्यूटी डॉक्टर जिनका अनुबंध इसी महीने खत्म हो रहा है, उन्हें भी हटा दिया गया है.ड्यूटी पर तैनात एक नर्स ने यह भी कहा कि अगर वे चंद मिनट भी सतर्क नहीं रहीं तो चूहे तबाही मचा देंगे. "हम कुछ नहीं कर सकते क्योंकि जल निकासी का काम मरम्मत के अधीन है.
ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री ई दयाकर ने अस्पताल का दौरा करने के बाद कहा कि सफाई के लिए जिम्मेदार ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है. मरीजों और कर्मचारियों का कहना है कि जल निकासी की मरम्मत के चलते आईसीयू में चूहे आ गए हैं. उन्होंने कहा कि अस्पताल में चूहे का काटना और कुतरना आम बत है.