अमित शाह फेक वीडियो मामले में तेलंगाना कांग्रेस के पदाधिकारियों को मिली जमानत

डीसीपी ने लोगों को आगाह किया है कि वे राजनीतिक दलों से संबंधित कोई भी वीडियो या फोटो प्रसारित न करें. इससे लोकसभा चुनाव से संबंधित आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन हो सकता है.

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हैदराबाद:

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के फेक वीडियो मामले में हैदराबाद की एक अदालत ने शुक्रवार को गिरफ्तार तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) की सोशल मीडिया इकाई के पांच सदस्यों को सशर्त जमानत दे दी. हैदराबाद साइबर क्राइम पुलिस ने शुक्रवार को पेंड्याला वामशी कृष्णा, मन्ने सतीश, पेट्टम नवीन, अस्मा तस्लीम और कोया गीता की गिरफ्तारी की थी.

हैदराबाद के साइबर अपराध पुलिस उपायुक्त दारा कविता ने कहा कि इन लोगों ने अमित शाह के भाषण के एक वीडियो से छेड़छाड़ की थी.

इन सभी को नामपल्ली कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें सशर्त जमानत दे दी गई. उन्हें दो जमानतदारों के साथ 10,000 रुपये का निजी बांड जमा करने के लिए कहा गया और अदालत ने उन्हें अगले आदेश तक हर सोमवार और शुक्रवार को जांच अधिकारी के सामने पेश होने का निर्देश दिया है.

ये गिरफ्तारियां भाजपा के राज्य महासचिव जी. प्रमेंदर रेड्डी की शिकायत के बाद की गई. शिकायत में उन्‍होंने कहा था कि तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस पार्टी ने अपने एक्स अकाउंट से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का एक छेडछाड़ किया गया वीडियो पोस्‍ट किया था.

साइबर क्राइम पुलिस, हैदराबाद ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 469, 505(1)सी, 171 जी, 502(2) और धारा 125 आरपी अधिनियम 1951 के तहत मामला दर्ज किया था. पुलिस ने पांच मोबाइल फोन, एक बॉल स्लाइड (टैब), दो एसर लैपटॉप और दो सीपीयू जब्त किए थे.

पुलिस अधिकारी के मुताबिक पांचों आरोपी टीपीसीसी सोशल मीडिया यूनिट में काम करते हैं और उनका काम राजनीतिक दलों से संबंधित सोशल मीडिया पोस्ट की निगरानी करना और उन्हें अपने आधिकारिक और व्यक्तिगत एक्स हैंडल पर अपलोड करना है.

डीसीपी ने लोगों को आगाह किया है कि वे राजनीतिक दलों से संबंधित कोई भी वीडियो या फोटो प्रसारित न करें. इससे लोकसभा चुनाव से संबंधित आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन हो सकता है.
 

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