तेलंगाना के IAS अफसर की ओर से एक कार्यक्रम में राज्य के सीएम के. चंद्रशेखर राव (K Chandrashekhar Rao) के पैर छूने की घटना की सोशल मीडिया के अलावा विपक्षी दलों की ओर से भी आलोचना की जा रही है. हालांकि सिद्दीपेट के जिला कलेक्टर वेंकटराम रेड्डी (Venkatram Reddy) ने इसे 'राज्य की संस्कृति' और 'फादर्स डे' का मौका बताते हुए घटना को ज्यादा तवज्जो नहीं देने का आग्रह किया है. सीएम KCR के पैर छूते हुए रेड्डी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. IAS अफसर रेड्डी ने रविवार को के. चंद्रशेखर राव के उस समय पैर छुए थे जब सीएम ने कलेक्टर के ऑफिस सहित कई सरकारी ऑफिस का शुभारंभ किया था. परंपरागत पूजा के बाद रेड्डी ने अपनी ऑफिशियल सीट ग्रहण की और इसके बाद सीएम KCR के पैर छूकर आशीर्वाद लिया.
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रेड्डी ने तेलंगाना के मुख्य सचिव सोमेश कुमार के आगे भी थोड़ा झुककर सम्मान दिखाया. हालांकि उन्होंने सोमेश कुमार के पैर नहीं छुए. सोशल मीडिया पर इस वीडियो वायरल होने के बाद लोगों ने रेड्डी को ट्रोल करना शुरू कर दिया. रेड्डी ने इस मुद्दे पर रविवार की रात को बयान जारी किया. उन्होंने बताया में कहा, 'यह शुभ अवसरों पर बुजुर्गों का आशीर्वाद लेने की तेलंगाना की संस्कृति का हिस्सा है. जब मैं नए कलेक्टोरेट में चार्ज ले रहा था तो मैंने सीएम का आशीर्वाद लिया जो मेरे लिए पिता के जैसे हैं.'
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इस घटना को मुद्दा नहीं बनाने का जिक्र करते हुए आईएएस अफसर रेड्डी ने 'फादर्स डे' का जिक्र भी किया जो रविवार को मनाया गया. हालांकि रेड्डी का यह तर्क भी राज्य के विपक्षी नेताओं को संतुष्ट नहीं कर पाया है. बीजेपी प्रवक्ता के. कृष्ण सागर राव ने कहा, ऐसा लगता है कि सीएम राव की, नौकरशाही के 'तुष्टिकरण की नीति' काम कर रही है. राव ने हाल में एडीशनल कलेक्टरों को महंगी SUV अलॉट करने के फैसले का भी हवाला दिया. कांग्रेस प्रवक्ता श्रवन दासोजु ने भी कहा कि सिद्दीपेट के कलेक्टर का सीएम के आगे झुकना (पैर छूना) अप्रिय और अस्वीकार्य है. यह बताता है कि तेलगांना में अराजकता व्याप्त है और तानाशाही शासन है.