मोटी चमड़ी वाले बनो... SC ने सीएम रेवंत रेड्डी के खिलाफ याचिका को किया रद्द, पढ़ें क्या है पूरा मामला

मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई की अगुवाई वाली बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि वह इस मामले में किसी तरह का दखल देने को तैयार नहीं है.

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सुप्रीम कोर्ट ने रेवंत रेड्डी के खिलाफ याचिका को किया खारिज
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  • SC ने CM ए. रेवंत रेड्डी के खिलाफ मानहानि मामले को रद्द करने के हाईकोर्ट फैसले को बरकरार रखा है.
  • बीजेपी की तेलंगाना इकाई ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ SC में याचिका दायर की थी जिसे खारिज कर दिया गया.
  • मामला 2024 लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान रेवंत रेड्डी के दिए गए एक भाषण से जुड़ा था.
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नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए.रेवंत रेड्डी के खिलाफ मानहानि मामले में हाईकोर्ट के फैसले को रद्द करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ बीजेपी की तेलंगाना इकाई ने सुप्रीम कोर्ट में ये याचिका दायर की थी. आपको बता दें कि ये मामला रेड्डी के 2024 लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान दिए गए एक भाषण से जुड़ा था.

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान इस याचिका को रद्द करते हुए एक बड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि आप लोगों को मोटी चमड़ी वाला बनना चाहते. कोर्ट ने आगे कहा कि इस तरह से कोर्ट को राजनीति का अखाड़ा बनाना सही नहीं है. अगर आप नेता हैं तो आपकी चमड़ी भी मोटी होनी चाहिए.

मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई की अगुवाई वाली बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि वह इस मामले में किसी तरह का दखल देने को तैयार नहीं है. उधर, एक अगस्त को तेलंगाना हाईकोर्ट ने सीएम रेड्डी की उस याचिका पर सुनवाई की थी, जिसमें उन्होंने हैदराबाद की ट्रायल कोर्ट में लंबित कार्यवाही को रद्द करने की मांग की थी. 

बीजेपी ने लगाया था गंभीर आरोप

बीजेपी ने रेड्डी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने पार्टी के खिलाफ उकसाने वाला और मानहानिकारक भाषण दिया था. आरोप ये भी लगाया गया था कि रेड्डी ने कांग्रेस के साथ मिलकर झूठी और भ्रामक राजनीतिक कहानी भी गढ़ी थी. उस कहानी के मुताबिक बीजेपी अगर सत्ता में आई तो आरक्षण खत्म कर देगी. 

ट्रायल कोर्ट के आदेश को हाईकोर्ट में दी गई थी चुनौती

आपको बता दें कि जिस दौरान ये बवाल शुरू हुआ था उस दौरान शिकायतकर्ता का दावा था रेड्डी के भाषण से बीजेपी को राजनीतिक पार्टी के तौर पर बड़ा नुकसान हो सकता है. ये मामला जब कोर्ट पहुंचा तो अगस्त 2023 में ट्रायल कोर्ट ने इसे लेकर एक टिप्पणी की. उस टिप्पणी में कोर्ट ने कहा कि रेड्डी के खिलाफ मानहानि के अपराध और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 125 के तहत पहली नजर मामला बनता है. रेड्डी ने ट्रायल कोर्ट के इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.

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