तेलंगाना CM केसीआर की बेटी से दिल्ली में पूछताछ, हैदराबाद में लगे 'डिटर्जेंट वाले पोस्टर'

हैदराबाद में बीजेपी के कई नेताओं को दिखाते हुए पोस्टर लगाए गए हैं, जिनके खिलाफ भाजपा में शामिल होने के बाद एजेंसियों की जांच थम गई.

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हैदराबाद में बीजेपी में शामिल हुए नेताओं पर निशाना साधते हुए पोस्टर लगाया गया है.
हैदराबाद:

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता शनिवार को दिल्ली शराब नीति मामले में पूछताछ के लिए राजधानी में प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश हुईं. वहीं हैदराबाद में पोस्टर के जरिए बीजेपी पर निशाना साधा गया है. बीआरएस समर्थकों की ओर से लगाए गए पोस्टर में ऐसे नेताओं को दिखाया गया है, जो पहले दूसरी पार्टी में थे और बीजेपी में शामिल होने के बाद उनके खिलाफ मामले की जांच थम गई. वहीं के कविता भी इस पोस्टर में दिख रही हैं, जिन्हें जांच एजेंसी के छापेमारी के बाद भी उसी स्वरूप में दिखाया गया है.

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने के कविता को हैदराबाद के कारोबारी रामचंद्रपिल्लई के सामने बैठाकर पूछताछ के लिए बुलाया गया है. ईडी कथित शराब घोटाले में पहली बार के कविता से पूछताछ कर रहा है. ईडी ने सीबीआई की FIR का संज्ञान लेने के बाद पिछले अगस्त में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था. के कविता को साउथ लीकर लॉबी का हिस्सा माना जाता है.

के कविता से पूछताछ ऐसे समय में हो रही है जब ईडी दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और के कविता के कथित बिजनेस पार्टनर अरुण रामचंद्र पिल्लई को हिरासत में ले चुका है. अरुण रामचंद्र पिल्लई ने अब दावा किया है कि वह अपने बयान से मुकरना चाहते हैं, जो नवंबर-दिसंबर 2022 के बीच ईडी ने दर्ज किया था.

इससे पहले कविथा से सीबीआई इसी आबकारी घोटाले में पूछताछ कर चुकी है. ये पूछताछ हैदराबाद में उनके आवास पर पिछले साल दिसंबर महीने के हुई थी. इस मामले में CBI ने के. कविथा के पूर्व ऑडिटर बुच्ची बाबू को गिरफ्तार किया था. आरोप है कि कथित शराब नीति में साउथ ग्रुप (यानी दक्षिणी भारत के शराब कारोबारियों) की एंट्री में के कविथा का भी रोल था. इनके अलावा इस साउथ ग्रुप के बाकी सदस्य अभिषेक बोइनपल्ली, पी सरथ रेड्डी, बेनोय बाबू, मुगन्ता एस रेड्डी का बेटा राघव रेड्डी थे.

मनीष सिसोदिया की रिमांड कॉपी में के कविता के रोल को भी बताया गया है. जिसके मुताबिक  साउथ लॉबी में सरथ रेड्डी, मगुंता रेड्डी, राघव मगुनता और के कविता थे। जिन्हें अरुण पिल्लई, अभिषेक बोनिपल्ली और बुच्ची बाबू रिप्रेजेंट कर रहे थे. जिसके बाद नई पालिसी में होलसेलर के मार्जिन को 6 परसेंट से 12 परसेंट कर दिया गया और रिटेलर को 185% मार्जिन के साथ नई आबकारी नीति को लाया गया.

12 परसेंट में से 6 परसेंट पैसा काले धन के रूप में आम आदमी पार्टी के नेताओं तक जाना तय किया गया. जिसके लिए साउथ ग्रुप ने 100 करोड़ रुपये एडवांस किकबैक विजय नायर को दिए. विजय नायर ही आम आदमी पार्टी की तरफ से सब कुछ संभाल रहा था.

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इसके बदले में साथ ही समीर महेन्द्रू की इंडो स्प्रिट में साउथ लॉबी को 65 परसेंट हिस्सेदारी दे दी गयी. इंडो स्प्रिट पर होल सेल की ज़िम्मेदारी थी. इंडो स्प्रिट के जरिए इन सभी को शराब के मैन्युफैक्चरर होने के बावजूद रिटेल बिज़नेस में एंट्री मिली. आरोप है कि के कविथा साउथ के उसी ग्रुप का हिस्सा थी, जिसने 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दिनेश अरोड़ा के जरिये विजय नायर को दी थी.
 

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