राजद नेता तेजस्वी यादव ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा है कि अगर उनके मन में बेईमानी होती तो वो बीजेपी से समझौता कर बिहार की कुर्सी पर बैठ गए होते. उन्होंने कहा कि हम लोगों को चाहे जो भी कुर्बानी देनी पड़े, हम देंगे. तेजस्वी यादव और लालू यादव के मन में अगर बेईमानी होती तो बीजेपी से समझौता कर के आज मैं बिहार का मुख्यमंत्री होता. लेकिन न लालू जी झुके हैं और न ही लालू जी का ये लड़का झुकेगा. जहां तक लड़ाई लड़ने की जरूरत होगी हम लड़ेंगे.
गौरतलब है कि बिहार में मंत्रिपरिषद ने जातिगत जनगणना (Caste Census) को मंजूरी दे दी है. साथ ही इसके लिए 500 करोड़ रुपये भी आवंटित कर दिए हैं. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने एनडीटीवी से बात करते हुए इसे बेहद जरूरी बताया था. उन्होंने कहा था कि जब तक साइंटिफिक डेटा नहीं होगा, तब तक आप जिस सोच के साथ आगे बढ़ रहे हैं कि जन-जन तक विकास का लाभ पहुंचाना है, जो अभी तक नहीं पहुंच पाया है, उसमें कामयाब नहीं हो पाएंगे.
तेजस्वी यादव ने कहा था कि जैसे किसी के पेट में दर्द है तो वो सिर दर्द की गोली खा रहा है, क्योंकि हमारे पास आंकड़े सही नहीं हैं. आखिरी बार ये गिनती 1931 में हुई थी, इसीलिए अंतिम पायदान पर खड़े समाज को मुख्यधारा में लाने के लिए यह करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर आपके पास साइंटिफिक डेटा नहीं है, तो आप सरकार की नीतियों को सही तरीके से लोगों तक नहीं पहुंचा सकते. गिनती धर्मों की भी होती है, उससे क्या लाभ होता है. पेड़, जानवर सभी की गिनती होती है. हमें पता होना चाहिए की असली तस्वीर क्या है. कौन लेबर है, भिखारी कौन है पता होना चाहिए.
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