केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना को लेकर युवाओं में रोष बढ़ता ही जा रहा है. युवा इस योजना के खिलाफ अलग-अलग राज्यों में जमकर प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शनकारी इस योजना के प्रावधानों से खुश नहीं हैं. लिहाजा वो चाहते हैं कि सरकार इस योजना पर दोबारा से विचार करे. कई जगहों पर प्रदर्शन कर रहे युवाओं को रोकने के लिए प्रशासन को लाठी चार्ज तक करना पड़ा है. इस योजना को लेकर अब युवाओं के साथ साथ विपक्ष में बैठे अलग-अलग राजनीतिक दलों के नेता भी मोदी सरकार पर हमलावर हो रहे हैं. बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी सेना में भर्ती की इस योजना को लेकर केंद्र से तीखे सवाल किए हैं.
उन्होंने शुक्रवार को एक ट्वीट कर मोदी सरकार से सवाल किया है. उन्होंने पूछा कि 4 साल के ठेके पर बहाल होने वाले अग्निवीरों को एक वर्ष में क्या नियमित सैनिक की तरह 90 दिनों की छुट्टियाँ मिलेंगी या नहीं? #अग्निपथ योजना अगर न्यायसंगत है तो इसमें ठेके पर अफसरों की भर्ती क्यों नहीं? केवल ठेके पर सैनिकों की ही भर्ती क्यों? क्या शिक्षित युवकों के लिए यह मनरेगा है?.
बता दें कि बिहार के अलग-अलग जिलों में इस योजना के घोषित होने के बाद से ही प्रदर्शनों का दौर जारी है. कई जिलों में तो प्रदर्शनकारी हिंसक भी हुए हैं और उन्होंने सरकारी संपत्ति को नुकसान तक पहुंचाया है. उधर, प्रदर्शनकारी बीजेपी के विधायकों और सांसदों को भी निशाना बना रहे हैं.
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बिहार की उपमुख्यमंत्री रेणु देवी के बेतिया स्थित आवास पर भी प्रदर्शन कर रहे युवाओं ने हमला किया. इसके बाद बीजेपी के बिहार इकाई के अध्यक्ष संजय जायसवाल के आवास पर भी भीड़ ने हमला किया. हालांकि वो उस दौरान घर पर नहीं थे.