जनविश्वास यात्रा पर निकले आरजेडी नेता तेजस्वी यादव चाहते हैं कि बिहार की जनता अब उन्हें पूर्ण बहुमत देकर सत्ता पर काबिज करे. इसके लिए वह जनता का विश्वास जीतने के लिए जमीन पर उतरे हैं. तेजस्वी का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब मुखौटा बनकर रह गए हैं. वह इधर-उधर जाते रहते हैं, इसलिए उन पर भरोसा नहीं किया जा सकता है. इस दौरान तेजस्वी ने वो किस्सा भी बताया जब, नीतीश कुमार उनके घर राबड़ी देवी से माफी मांगने आए थे.
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव आज से जनविश्वास यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं. तेजस्वी की पहले चरण की यात्रा 10 सितंबर से शुरू होकर 17 सितंबर तक चलेगी. इस दौरान तेजस्वी समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी और मुजफ्फरपुर जिला मुख्यालय में ठहरेंगे. यात्रा कार्यकर्ताओं को साफ निर्देश दिए गए हैं कि यात्रा के दौरान किसी तरह की भीड़ नहीं जुटानी है और न ही कोई रोड शो या सार्वजनिक यात्रा होगी. इस यात्रा की शुरुआत से पहले तेजस्वी यादव ने एनडीटीवी संग खास बातचीत की. यात्रा की शुरुआत से पहले तेजस्वी यादव ने कई अहम मुद्दों पर खुलकर बात की.
तेजस्वी एक और यात्रा पर क्यों निकले
इस यात्रा पर निकलने से पहले तेजस्वी यादव ने एनडीटीवी से खास बातचीत की और कई प्रमुख मुद्दों पर अपनी बात रखी. तेजस्वी ने कहा कि ये कार्यकर्ता संवाद है, जिसमें पार्टी कैडेट और संगठनों से सीधे लेवल से बातचीत करना मुख्य मकसद है. हमारी कोशिश ये है कि संगठन को धरातल पर कैसे और मजबूत किया जाए. इसके साथ ही लोगों के बीच हम जो संवाद करते हैं, उसके मैसेज को हर किसी तक पहुंचाना है.
शुरू से ही लालू जी ने सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ी, तब से सिर्फ मुसलमान और यादव ही नहीं बल्कि पूरा गरीब तबका आरजेडी के पक्ष में रहा है. हमारी कोशिश है कि सभी को साथ लेकर चला जाए, जिसमें ए टू जेड सब शामिल हों. हम लोगों की असल लड़ाई गरीबी, बेरोजगारी और महंगाई को लेकर है. बिहार के लोग इसके सबसे ज्यादा भुक्तभोगी है. पलायन भी होता है गरीबी है और बेरोजगारी के साथ महंगाई भी चरम पर है. हमारी प्राथमिकता है कि सबको हम लोग मौका दें.
2020 में हमको जो वोट मिला, उसने हमें सबसे बड़ा पार्टी बना दिया. लगभग हमने सरकार ही बना ली थी. मात्र 12000 का अंतर था. हमें तो हर जाति ने वोट दिया. मगर हमारी कोशिश है कि अंतिम पायदान वाला समाज आगे बढ़े. जनरल सीट से हमने इस बार चंदहाल चौपाल को टिकट दिया था. कोशिश रही है कि चौपाल को भी मौका मिले. कुशवाह समाज के लोगों को भी मौका दिया. हम चाहते हैं कि आने वाले समय में महिला और जवानों को भी सही हिस्सेदारी दें. स्वर्ण, दलित आदिवासियों समेत कोई ऐसा समुदाय ना छूटे, जिस उसकी सही हिस्सेदारी ना मिले.
चिराग पासवान पर क्या बोले तेजस्वी
तेजस्वी ने कहा कि चिराग पासवान उस समय भी हनुमान ही थे, भले ही उनका घर छीन लिया हो, उनके पिता की मूर्ति को गिरा दिया हो, उनकी पार्टी और एमपी को तोड़ा गया हो. मांझी जी भी एनडीए में ही थे. कुशवाह जी भी वहीं थे और मुकेश साहनी भी. लेकिन फिर भी हमने अच्छी लड़ाई लड़ी. कोई कहीं भी हो उससे फर्क नहीं पड़ता. बात ये है कि जनता के सवाल को कौन उठा रहा है, जनता की लड़ाई कौन लड़ रहा है और जनता को विश्वास किस पर है. मुझे पूरा विश्वास है कि हमने जो काम किया, जो नौकरियां दी, आरक्षण की सीमा बढ़ाई, मानेदय दोगुना किया. जो वचन हमने दिए उनमें से हमने बहुत कुछ किया.
नीतीश ने कैसे राबड़ी देवी से माफ़ी, तेजस्वी ने बताया
तेजस्वी ने कहा कि नीतीश जी 7,8 इधर-उधर गए, वो खुद में मस्त रहते हैं लेकिन बाकी मामलों में पस्त हो चुके हैं. मगर उनकी कोई क्रेडिबिलिटी नहीं बची, एक अधिकारी नहीं सुनता. कोई स्टेबल सरकार नहीं है. क्या फायदा ऐसी सरकार का, आखिर आप किस एजेंडे पर चल रहे हैं. कानून व्यवस्था भी लचर हो चुकी है. अपराधियों से मिलना, उनके यहां जाना यही काम है सीएम के पास. बिहार में पुल गिर रहे हैं, पेपर लीक हो रहे हैं, हत्याएं हो रही है और अपराध भी. लेकिन सीएम किसी से मिलते नहीं. बस उनका सिस्टम है कि उन्हें चार पांच लोगों के बीच रहना है.
राजगीर में जो हुआ, रोड बनते हैं , हजारों करोड़ के बड़े काम होते हैं. लेकिन कहीं भी सीएम को भाषण देते सुना, कोई संवाद ही नहीं हो रहा है. सीएम को भाषण देना तक छुड़वा दिया गया. सीएम का कुछ नहीं रह गया वो बस मुखौट है पीछे से कुछ लोग सरकार चला रहे हैं, जो कि बीजेपी से घिरे हुए लोग है. हमने काफी बार उन्हें मौका दिया, वो खुद आए. उन्होंने हमारी माता के सामने हाथ जोड़ा. सार्वजनिक तौर पर विधानसभा में माफी मांगी थी. कई चैनलों में बोला करते थे कि लोगों को फंसाया है. बिना कारणों के कहीं भी चले जाना. नीतीश कुमार को कुछ लेना देना नहीं है वो किसी को पसंद नहीं करते हैं सिवाय खुद के.
प्रशांत किशोर पर तेजस्वी ने अपनी चुप्पी तोड़ी
प्रशांत कुमार पर तेजस्वी ने कहा कि कौन क्या कहता है, कहने दीजिए. जब से हम आए हैं, तब से लोग कह रहे हैं. इन्हें कहने दीजिए, हमकों इस पर अपनी प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए. हमने तो सच्ची बात कही, भला इसमें कैसी आपत्ति. इस मुद्दे को कई बार कितने लोगों ने उठा्या, लेकिन जनता का विश्वास तो हमने जीता. हमें किसी के सवाल का जवाब नहीं देना. जनता असली मालिक है, हम केवल अपने मालिकों की सुनते हैं और बिहार को आगे बढ़ाना चाहते हैं.
नीतीश से तुलना पर तेजस्वी क्या बोले
सीएम नीतीश से तुलना पर तेजस्वी ने कहा कि ये तो जनता बताएगी कि हम में कौन बेहतर हैं. मैं चाहता हूं कि बिहार की जनता एक बार मौका दें. बेरोजगारी के खिलाफ हमारा हल्ला बोल रहा है. हम बिहार की तरक्की चाहते हैं. अब तो इतना अनुभव हो गया है कि कैसे सरकार चलाते हैं. अगर मौका मिला तो यकीनन बिहार जरूर बदलेगा. नया बिहार बनाना है, हम दिल से काम करेंगे. केंद्र से बिहार को काफी कुछ मिला, जैसे 60000 का पैकेज मिला. जिस पर तेजस्वी ने कहा कि ये सब बेकार है. ये रिपैकेजिंग है. ये तो तभी तय हो गया था जब मैं नितिन गड़करी के पास गया था.
भूमि सर्वेक्षण पर तेजस्वी की नीतीश को सलाह
भूमि सर्वेक्षण पर तेजस्वी ने सीएम नीतीश को सलाह देते हुए कहा कि इसे और सरल, सुगम बनाना चाहिए. अगर लोगों को दिक्कतें आ रही है तो इसे ज्यादा आसान बनाना होगा.