बिहार में कोरोना महामारी के बीच राजनीतिक घमासान जारी है. तेजस्वी यादव ने आज नीतीश कुमार को एक बार फिर घेरते हुए सवाल दागा कि नीतीश सरकार निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के अधिकार छिन, उनके क्षेत्रों को विकास से वंचित क्यों रखना चाहती है? उन्होंने ट्वीट कर बताया कि सभी विधायकों और विधानपार्षदों की मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना निधि को बिहार सरकार द्वारा जबरन अपने कोष में जमा करने के संदर्भ में मुख्यमंत्री जी को तीसरा पत्र लिखा है. अपने पत्र में तेजस्वी ने आरोप लगाया कि कोरोना महामारी के इस काल में भी स्वास्थ्य विभाग बजट में अपने आवंटित राशि का इस्तेमाल नहीं कर पाया. उन्होंने कहा कि बिहार में अभी भी 28 ऐसे जिले हैं, जहां आईसीयू और वेंटिलेटर बेड जैसी सुविधा उपलब्ध नहीं है, यहां तक तक एंबुलेंस जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है.
आरजेडी नेता ने बिहार सरकार से अपील करते हुए कहा कि वह चाहें तो एक निर्देशिका जारी करके विधायकों के लिए यह अनिवार्य कर दे इस निधि की संपूर्ण राशि का इस्तेमाल कोरोना महामारी से लड़ने और हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने में किया जाए. उन्होंने कहा कि यह अनिश्चित है कि यह महामारी कब तक चलेगी, ऐसे में अभी हमें ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सरंचना को तैयार करना होगा. नीतीश सरकार पर कटाक्ष करते हुए तेजस्वी ने लिखा कि बेशक आप कोरोना उन्मूलन कोष के माध्यम से महामारी पर नियंत्रण का दंभ भरें लेकिन सच्चाई ये है कि स्वास्थ्य विभाग बजट में अपने हिस्से में आवंटित बजट को भी खर्च नहीं कर पाया है.
बकौल तेजस्वी, स्वास्थ्य विभाग को 13 हजार करोड़ का बजट आवंटित किया गया है. जिसमें से 2659 करोड़ रुपये सिर्फ शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती देने के लिए रखे गए हैं. अपील करते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कुल विधायकों (243+75= 318) के लिए 636 करोड़ रुपयों (318 x 2) को सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों में खर्च किया जाए. उन्होंने कहा कि जब पिछले 15 सालों में इतनी बड़ी बजट राशि आप शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की प्रभावी व्यवस्था नहीं कर पाए तो मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना निधि से जबरन ली गई इस राशि से क्या बिहार में सुदृढ़ कर पाएंगे.
नीतीश कुमार पर आक्रामकता जारी रखते हुए तेजस्वी ने पत्र में लिखा कि कागजी आंकड़ों के खेल से बाहर निकलकर जमीनी स्तर पर सही नीति, नियम और नियती ईमानदारी से काम करने की जरूरत है. उन्होंने आखिर में पूर्व डिप्टी सीएम ने नीतीश कुमार को अपने फैसले पर एक फिर से विचार करने की सलाह दी है.