नीतीश कुमार के साथ आए तेजस्वी यादव बोले, बीजेपी का ये इतिहास है, जिसके साथ रहे उसको खत्म किया

सीएम नीतीश कुमार ने बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और RJD के नेता तेजस्वी यादव के साथ मिलकर मीडिया से बात की. इस दौरान नीतीश कुमार ने कहा कि एनडीए से अलग होने का फैसला अकेले उनका नहीं है.

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बिहार में जनता दल यूनाइडेट ((JDU) के साथ गठबंधन करने को लेकर राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने मंगलवार शाम पटना में मीडिया से बात की. इस दौरान उनके साथ नीतीश कुमार भी थे. मीडिया से बातचीत के दौरान तेजस्वी यादव ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि इतिहास बताता है कि बीजेपी जिसके साथ रहती है उसे पहले खत्म कर देती है. बिहार में भी कुछ वैसी ही तैयारी थी. बीते दिनों बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा बिहार आए थे. इस दौरान उन्होंने कहा था कि क्षेत्रिय पार्टियों को खत्म कर के रहेंगे. मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि नड्डा जी सिर्फ क्षेत्रिय पार्टियों को खत्म करने की बात नहीं कर रहे थे वो देश के संविधान को भी खत्म करने की बात कर रहे थे. हम लोकतंत्र  बचाने के लिए एक हुए हैं, हमे देश को बचाना है. हम समाजवादी लोग हैं, ऐसे खत्म नहीं होने वाले हैं. हम जनता से जुड़े हैं लिहाजा हमारा मकसद सिर्फ जनता की सेवा करना है. तेजस्वी ने इस दौरान देश में मौजूद मंहगाई और राष्ट्रीय सुक्षा का भी मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि आज देश में जैसी महंगाई है, उसकी वजह से आम लोगों का दो वक्त की रोटी तक जुटा पाने में मुश्किल हो रही है. गरीब त्रस्त है. वहीं, बीजेपी पहले राष्ट्रीय सुरक्षा की बात करती थी लेकिन आज चीन हमारी जमीन पर कब्जा कर चुका है. 

तेजस्वी यादव ने बीजेपी पर हमला बोलेत हुए कहा कि देश में महंगाई देख लीजिए, देश की सुरक्षा देख लीजिए, क्या हालत है. आज क्विट इंडिया का दिन है. बिहार ने आज दिखा दिया है , देश से विपक्ष को संदेश दिया है कि जनता के सवाल को लेके जो लड़ता है, जनता उसे चाहती है. जनता विकल्प चाहती है. सीएम नीतीश ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की, पटना विश्वविद्यालय को लेकर भी मांग की लेकिन केंद्र ने कुछ ना सुना. बीजेपी ने जो किया वो अपने एजेंडे के तहत किया. हमे देश के संविधान को बचाना है. मैं नीतीश कुमार को धन्यवाद देता हूं. बीजपी का एक ही काम है लड़ाओ, जो डरता है डराओ और जो बिकता है उसे खरीदो. सीएम नीतीश कुमार ने संविधान बाचने के लिए लोकतंत्र बचाने के लिए निर्णय लिया, इसलिए हम इनके साथ आए. हम लोग तो समाजवादी लोग हैं. हम सीएम नीतीश कुमार को धन्यवाद देते हैं हम लालू यादव जी को धन्यवाद देते हैं. लालू जी और हमारी पार्टी के कार्यकर्ता चाहते थे कि बीजेपी के एजेंडे को बिहार में नहीं चलने देना है. हम एक बार फिर साथ हैं. हमारी जो विरासत है वो कोई औऱ नहीं ले जा सकता है. चाचा भतीजा है, आपसी तू-तू मैं मैं होती है. 

बता दें कि तेजस्ती यादव से पहले नीतीश कुमार ने भी मीडिया से बात की थी. इस दौरान उन्होंने कहा कि एनडीए से अलग होने का फैसला अकेले उनका नहीं है. उनकी पार्टी के अन्य लोग भी चाहते थे कि वो बीजेपी और एनडीए से बाहर होकर एक बार फिर राज्य के विकास के लिए कार्य करें. लिहाजा, हमने इस गठबंधन से बाहर होने का फैसला किया है. नीतीश कुमार ने आगे कहा कि आज राज्य की सात बड़ी पार्टियोंं का उनको समर्थन है. ये सभी पार्टियां चाहती थी कि जेडीयू बीजेपी का साथ छोड़कर नई सरकार बनाए. आने वाले समय हम राज्यपाल से मिलकर अपना बहुमत साबित करेंगे और बिहार के विकास की यात्रा को आगे बढ़ाने के लिए एक बार फिर सभी के साथ मिलकर नई सरकार बनाएंगे. 
 

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