भारत में प्रौद्योगिकी उद्योग (Technology Industry) नई पीढ़ी के छात्रों का पसंदीदा क्षेत्र बनकर उभर रहा है और करीब 77 प्रतिशत युवा इस क्षेत्र के प्रति रुचि दिखा रहे हैं. सोमवार को एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह आकलन पेश किया गया. सॉफ्टवेयर कंपनियों (Software Companies) के संगठन नैसकॉम ने इनडीड के साथ संयुक्त रूप से तैयार इस रिपोर्ट में कहा है कि भारत में तकनीकी कार्यबल में 'मिलेनियल्स' और 'जेन जेड' वाली पीढ़ी का योगदान लगभग 90 प्रतिशत है. यह उच्च पीढ़ीगत विविधता को सक्षम बनाता है और प्राथमिकताओं को भी बदलता है.
'जेन जेड' का संबोधन 1990 के दशक के अंतिम और 2000 के दशक के अंतिम वर्षों में जन्म लेने वाली पीढ़ी के लिए इस्तेमाल किया जाता है. वहीं 'मिलेनियल्स' की श्रेणी में 1980 के दशक के शुरुआती और 1990 के दशक के मध्य तक पैदा होने वाले युवा रखे जाते हैं.
इस रिपोर्ट के मुताबिक, 'सीखना एवं वृद्धि के साथ संस्कृति एवं नैतिकता किसी भी संगठन का चयन करते समय मिलेनियल्स और जेन जेड दोनों के लिए शीर्ष मानदंड हैं. यह मौजूदा कामकाजी माहौल से निपटने और अपने वांछित करियर राह तैयार करने के लिए कौशल एवं क्षमता विकास पर नियोक्ताओं की सतत अहमियत को रेखांकित करता है.'
रिपोर्ट कहती है कि भारत में प्रौद्योगिकी उद्योग जेन जेड छात्रों के लिए पसंदीदा उद्योग बना हुआ है और 77 प्रतिशत छात्र इस उद्योग को लेकर अपनी दिलचस्पी दिखा रहे हैं.
नैसकॉम और इनडीड के इस संयुक्त सर्वेक्षण में 185 नियोक्ताओं के साथ वर्तमान और भावी कार्यबल के 2,500 से अधिक सदस्य शामिल थे.
84% नियोक्ता ‘गिग मॉडल' की तलाश में
इस रिपोर्ट के मुताबिक, लगभग 84 प्रतिशत नियोक्ता ‘गिग मॉडल' की तलाश में हैं या उसके लिए तैयार हैं. इसमें स्टार्टअप और व्यवसाय प्रक्रिया प्रबंधन (बीपीएम) क्षेत्र इस खंड में नियुक्ति में आगे हैं.
विशेषज्ञ भूमिकाओं की मांग बढ़ी
रिपोर्ट के मुताबिक, ज्यादा संगठनों के नई प्रौद्योगिकियां अपनाने से कृत्रिम मेधा (एआई) एवं मशीन लर्निंग (एमएल) वैज्ञानिक, क्वांटम कंप्यूटिंग शोधकर्ता, क्वांटम एआई डेवलपर और ब्लॉकचेन विशेषज्ञ जैसी विशेषज्ञ भूमिकाओं की मांग बढ़ रही है.
इन नौकरियों की है सबसे ज्यादा मांग
सबसे अधिक मांग वाली नौकरियों में डेटा और एनालिटिक्स में भूमिकाएं अग्रणी हैं. इसके बाद ग्राहक अनुभव, स्वचालन और दक्षता को बढ़ाने वाले काम आते हैं.
नैसकॉम की वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं मुख्य रणनीति अधिकारी संगीता गुप्ता ने कहा, 'स्वचालन से दक्षता में सुधार और निरंतर नवाचार से उत्पन्न रचनात्मकता की व्यापक क्षमता के बीच संतुलन से काम के भविष्य को परिभाषित किया जाएगा.'
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